सुबह से लेकर देर रात तक पैदल ही चल रहे हैं श्रद्धालु
जगह-जगह पर पंडाल लगाकर कराया जा रहा भोजन
रास्ते में दवाइयों का भी श्रद्धालुओं हो रहा वितरण
बांदा, के एस दुबे । अमावस्या के मौके पर तो वैसे ही चित्रकूट जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुतायत होती है, लेकिन भादौं माह की अमावस्या का श्रद्धालु अलग ही महत्व मानते हैं। इसीलिए पिछले तीन दिनों से हजारों श्रद्धालुओं के सैकड़ों जत्थे पैदल ही चित्रकूट के लिए रवाना हो चुके हैं। शहर से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को जगह-जगह पर रोककर भरपेट भेजन कराया जा रहा है। कहीं चाय का वितरण किया जा रहा है तो कहीं बिस्कुट वितरित किए जा रहे हैं। शहर से लेकर गांवों तक में श्रद्धालुओं की लोग सेवा करते हुए पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण करते लोग |
भगवान राम की तपोस्थली धर्मनगरी चित्रकूट इन दिनों लाखों श्रद्धालुओं से गुलजार है। भादौं माह की अमावस्या के मौके पर पिछले दो दिनों से बांदा शहर के विभिन्न इलाकों से श्रद्धालुओं का जत्था पैदल चित्रकूट के लिए रवाना हो रहा है। बुंदेलखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश श्रद्धालु माह में एक बार भगवान कामतानाथ का दर्शन और उनकी परिक्रमा करने जरूर जाते हैं। बुंदेलखंड के विभिन्न हिस्सों से पैदल चलकर चित्रकूट जा रहे श्रद्धालु भक्ति भजनों की धुन पर थिरक रहे हैं। तकरीबन आधा सैकड़ा श्रद्धालुओं का एक जत्था कामतानाथ के भजन गुनगुनाते हुए चल रहा था। इन श्रद्धालुओं के कपड़े और जरूरत का सामान एक लोडर में लदा हुआ था। वह लोडर भी धीरे-धीरे श्रद्धालुओं के साथ चल रहा था। इस जत्थे में उरई, जालौन, महोबा, हमीरपुर के श्रद्धालु शामिल थे।
कामतानाथ की ओर पैदल जाता श्रद्धालुओं का जत्था |
श्रद्धालुओं ने कहा कि सामग्री लादकर पैदल यात्रा करने में परेशानी होती है। इसलिए सभी श्रद्धालुओं ने लोडर में अपना सामान रखा है। भादौं माह की अमावस्या में पैदल चित्रकूट जा रहे श्रद्धालुओं का सेवा भाव करने वालों की कमी नहीं है। शहर से लेकर अतर्रा तक जगह-जगह कैंप लगाए गए हैं। संकट मोचन मंदिर में सोमवार को भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। वहां पर पैदल चित्रकूट जाने वाले श्रद्धालुओं को रोक-रोककर भोजन कराया जा रहा है। इसके अलावा चाय का वितरण भी किया जा रहा है। भंडारे में श्रद्धालुओं को भरपेट भोजन कराने के बाद
श्रद्धालुओं के लिए भोजन बनाते लोग |
रवाना किया गया। इसके साथ ही शहर के महावीरन मंदिर के पास भी लोगों ने कैंप लगाया। वहां पर चाय, बिस्कुट का नश्ता कराने के साथ ही श्रद्धालुओं को भोजन कराया जा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि बुधवार तक वह कामतानाथ की ड्योढ़ी पर पहुंच जाएंगे और गुरुवार को परिक्रमा करते हुए पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।
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