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Monday, December 16, 2024

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी द्वारा विजय दिवस पर "डिफेंस आवर" का भव्य आयोजन

देवेश प्रताप सिंह राठौर 

उत्तर प्रदेश झांसी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी ने अपने स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में "डिफेंस आवर" कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम भारतीय सेना की विजय गाथा "विजय दिवस" को श्रद्धांजलि स्वरूप आयोजित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय के मार्गदर्शन और एनसीसी विंग के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के वीर जवानों और उनके बलिदानों को याद किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में कारगिल युद्ध की नायिका फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना और कर्नल प्रशांत कक्कड़ कर्नल ए के सक्सेना कर्नल प्रशांत कक्कर उपस्थित रहे।


माननीय कुलपति प्रो. पांडे ने "डिफेंस आवर" की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि आज के वैश्विक संदर्भों (जैसे इजराइल के मौजूदा हालात) में युवाओं में देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली का मुख्य उद्देश्य व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना है। उन्होंने छात्रों को अधिकारी जैसे गुण (Officer Like Qualities ) जैसे - सत्यनिष्ठा (सिन्सेरिटी), समय प्रबंधन (Time Management), अनुशासन, सतर्कता अपनाने के लिए प्रेरित किया। कुलपति ने कहा कि ये गुण न केवल सेना में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी हैं। कुलपति जी ने कहा विश्वविद्यालय में हर माह "डिफेंस आवर" का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्रों को सेना के बहादुर योद्धाओं के जीवन से प्रेरणा मिलेगी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना, जिन्हें "द कारगिल गर्ल" के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा "जीवन में कभी हार मत मानो। कठिनाइयों के समय 'डोंट गिव अप, डोंट क्विट' का मंत्र अपनाओ।" उन्होंने भारतीय वायुसेना में अपने प्रशिक्षण, कारगिल युद्ध के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन्स में सामना की गई चुनौतियों और उन चुनौतियों से मिली सीख के अनुभव साझा किए। उन्होंने छात्रों को बताया कि प्रशिक्षण के दौरान मिले सबक और अनुशासन ने उन्हें विपरीत परिस्थितियों में दबाव प्रबंधन (Pressure Handling) और समय प्रबंधन (Time Management) जैसे जीवनभर काम आने वाले गुण सिखाए।

उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय रक्षा बलों के जवानों की जज्बा, जुनून और देशभक्ति को देखकर उन्हें गर्व होता है। उन्होंने छात्रों को शहीदों और उनके परिवारों का सम्मान करने की प्रेरणा दी और कहा कि हमें अपने वीर सैनिकों का सदैव आभारी रहना चाहिए। गुंजन सक्सेना ने विशेष रूप से कहा कि जीवन में लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए और फोकस के साथ कठिनाइयों को पार कर सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने छात्रों को भारतीय रक्षा सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा "यदि आप सेना में जाना चाहते हैं तो आज से ही अपने सपने को साकार करने का रोडमैप बनाएं और पूरे समर्पण के साथ मेहनत करें।"उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे उनकी जीवन कहानी को अपने परिवार के साथ साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग प्रेरित हो सकें।

इस दौरान कर्नल प्रशांत कक्कर ने कार्यक्रम में युवाओं को जीवन में लचीला और दृढ़ मानसिकता विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को यह सीखने की जरूरत है कि कैसे तत्काल चुनौतियों का सामना किया जाए और कैसे निरंतर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा जाए।

उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में असफलताएं आना स्वाभाविक है, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ निश्चय बनाए रखें। उन्होंने छात्रों से कहा कि अपनी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए स्पष्ट योजना बनाएं और रोज़ाना उस पर काम करें। इस अवसर पर प्रो.सुनील कुमार कबिया ने मंच संचालन करते हुए कहा कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना, जिन्हें हम 'कारगिल गर्ल' के नाम से जानते हैं, उनके अनुभव हमारे छात्रों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक हैं। उनका संघर्ष और सफलता हमें यह सिखाती है कि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। गुंजन सक्सेना ने अपने जीवन में जो कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ देखी हैं, वे हमारे छात्रों को दिखाती हैं कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मन में दृढ़ निश्चय हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

मैंने फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना से निवेदन किया है कि वह हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक पॉडकास्ट करें, ताकि उनके अनुभव और जीवन यात्रा से अधिक से अधिक छात्र प्रेरित हो सकें। उनकी कहानी छात्रों को न केवल आत्मविश्वास और साहस से भर देगी, बल्कि उन्हें यह भी बताएगी कि भारतीय सेना में शामिल होने के लिए उन्हें किस प्रकार की तैयारी और समर्पण की आवश्यकता है। गुंजन सक्सेना के अनुभव छात्रों के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं, और मैं उम्मीद करता हूँ कि यह पहल हमारे छात्रों में राष्ट्रभक्ति और अनुशासन को बढ़ावा देगी।"इस अवसर पर प्रो.अर्चना वर्मा,डॉ नूपुर गौतम,डॉ.ममता सिंह, डॉ अमरजोत, हेमंत चंद्रा, हितिका यादव, जितेंद्र कुमार अनिकेत अंकित,एकम सिंह नूर,आशीष एवं एनसीसी अन्य विभाग छात्र छात्राएं आदि मौजूद रहे।

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