मऊ/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमदभागवत कथा का आयोजन नागेन्द्र शुक्ला के आवास पर कथा व्यास छविमणि बलुआ महाराज ने कथा के दूसरे दिन श्रोताओं को श्रीमदभागवत महापुराण की अमृतमयी कथा सुनाई। सोमवार को रामनगर क्षेत्र के पियरियामाफी गांव में दूसरे दिन कथा व्यास छविमणि बलुआ महाराज ने सबसे पहले धुंधकारी के चरित्र का संक्षेप में वर्णन किया। भगवान के चैबीस अवतार लेने की कथा सुनाई। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के पावन चरित्र का निरूपण करते हुए पांडवों के जीवन दर्शन का वर्णन किया। कथा व्यास ने बताया
कथा व्यास। |
कि श्रीमदभागवत कथा मुक्ति प्रदायिनी है। कुरीतियों का अंत वहीं से होता है, जहां से कथा का अभ्युदय होता है। महाभारत को कुरीतियों का महासमर बताया। महाराज परीक्षित की अगुवाई में श्रीमदभागवत महापुराण की कथा का महत्व उजागर किया। संगीतमयी कथा की व्यवस्था योगेन्द्र शुक्ला, धर्मेन्द्र शुक्ला, डा महेन्द्र शुक्ला, और जितेन्द्र शुक्ला कर रहे हैं। कथा का आयोजन गांव के लोगों के लिए आस्था व भक्ति का अद्भुत अनुभव बना है। कथा सुनने को पियरियामाफी गांव व आसपास से श्रोता एकत्र हो रहे हैं।
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