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Tuesday, March 18, 2025

चित्रकूट की तहसीलें बनीं रिश्वतखोरी की काली मंडी

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अनुज यादव ने उठाए सवाल

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले की तहसीलों में भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके राजस्व विभाग पर सपा की राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनुज सिंह यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने राजस्व परिषद लखनऊ के अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में तहसील कर्वी, राजापुर, मऊ व मानिकपुर में जमकर हो रही रिश्वतखोरी की पोल खोली है। आरोप लगाया है कि यहां राजस्व विभाग के कर्मचारी व अधिकारी आम जनता से खुलेआम उगाही कर रहे हैं, और बिना रिश्वत लिए कोई जरूरी दस्तावेज नहीं बनाया जा रहा। अनुज सिंह यादव ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ठेकेदारों से 20,000 रूपए से 40,000 रूपए तक की मोटी रकम वसूली जा रही है। अगर कोई पैसे नहीं देता, तो उसके आवेदन को या तो निरस्त कर दिया जाता है या फिर जानबूझकर कम मूल्यांकन कर दिया जाता है। तहसील स्तर पर रिश्वतखोरी का यह गोरखधंधा लेखपाल से लेकर राजस्व निरीक्षक और अन्य अधिकारियों तक फैला हुआ है। वरासत प्रक्रिया में भी अवैध वसूली की शिकायतें सामने आई हैं। अनुज सिंह यादव का आरोप है कि ऑनलाइन आवेदन करने के बाद लेखपाल आवेदकों से 2,000 से 5,000 रूपए तक

सपा की राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनुज सिंह यादव

की मांग करता है। इसके बाद राजस्व निरीक्षक खुद फोन करके आवेदकों से पूछता है कि लेखपाल को कितने रुपए दिए हैं, और उतनी ही रकम वह भी मांगता है। अगर कोई पैसे देने से इनकार करता है, तो आवेदन को निरस्त या विवादित घोषित कर दिया जाता है। अनुज सिंह यादव ने मामले की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच कराने व दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। कहा कि यदि इस गहरी जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार को जल्द खत्म नहीं किया गया, तो जनता का राजस्व विभाग पर से पूरी तरह से विश्वास उठ जाएगा। वहीं इस संबंध में राजापुर तहसीलदार ने बताया कि कोई विशेष प्रकरण हो तो बताए, बाकी कुछ कह नही सकतें। मानिकपुर तहसीलदार वाचस्पति सिंह ने कहा कि अगर ऐसा कुछ है तो शपथ पत्र के माध्यम से शिकायत दर्ज कराएं, जांच कराकर तत्काल उचित कार्यवाई की जाएगी। मऊ तहसीलदार राम सुधार ने बताया कि सारे आरोप निराधार हैं।


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