संघर्ष समिति को भाकियू अराजनैतिक ने दिया समर्थन
फतेहपुर, मो. शमशाद । विद्युत निजीकरण के विरोध में 187 वें दिन भी अधीक्षण अभियंता कार्यालय में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हाइडिल कॉलोनी स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के पदाधिकारी अंकित सिंह चौहान ने संघर्ष समिति को निजीकरण के खिलाफ अपना समर्थन दिया। संघर्ष समिति ने भी किसानों को आश्वस्त किया कि इस निजीकरण के आंदोलन के दौरान भी बिजली आपूर्ति संबंधी उनको किसी भी तरह की समस्या नही होने दी जाएगी। संघर्ष समिति ने कहा कि विगत वर्ष किसानों, बीपीएल उपभोक्ताओं, बुनकरों आदि की सब्सिडी की धनराशि 22000 करोड रुपए से ऊपर की है। यह धनराशि सरकार ने सब्सिडी के रूप में दी है। ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन घाटे के नाम पर निजीकरण करने की दलील देते समय इस धनराशि को जोड़कर घाटा बता रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
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| संघर्ष समिति को समर्थन करती भाकियू अराजनैतिक। |
एक अप्रैल 2024 से किसानों को ट्यूबवेल के लिए मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किए गए संकल्प पत्र में यह लिखा था कि बीपीएल उपभोक्ताओं को तीन रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाएगी। इसी प्रकार बुनकरों आदि को भी लागत से कम मूल्य पर बिजली दी जाती है जो सरकार की और पार्टी की घोषित नीति के अनुसार है। अब जब निजीकरण की दलील देते समय यह कहा जा रहा है कि सरकार यह बोझ नहीं उठा सकती तो ऊर्जा मंत्री को आम जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि बिजली का निजीकरण हो जाने के बाद सरकार यह सब्सिडी की धनराशि का भार उठाएगी या नहीं जिससे निजीकरण को लेकर आम जनता धोखे में न रहे। विरोध सभा में विजय कटारिया, अभिनय श्रीवास्तव, विकाश मौर्य, विनय शुक्ल, सत्य प्रकाश शुक्ल, अतुल सिंह, धीरेन्द्र सिंह, संदीप पराशर आदि रहे।


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