बांदा, के एस दुबे । कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय में उद्यान महाविद्यालय के फसलोत्तर प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत तुड़ाई उपरांत फसल प्रबन्धन एवं प्रसंस्करण विषय पर गुरुवार से आगामी पहली मार्च तक चलने वाली सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। अधिष्ठाता उद्यान महाविद्यालय, प्रो. एसवी द्विवेदी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व एवं सार्थकता पर प्रकाश डाला गया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि कुशल फसलोत्तर प्रबंधन द्वारा मूल्य संवर्धन कैसे किया जा सकता है। डा. अमित कुमार सिंह द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की गई। कुलपति ने कहा कि आज की परिस्थितियों में स्वाबलम्बन के लिए स्वरोजगार का अत्यधिक महत्व है। उन्होने यह भी बताया कि डिमांड एवं सप्लाई के अंतर को कुशल फसलोत्तर प्रबंधन द्वारा कैसे कम किया जा सकता है, जिससे किसान एवं उद्यमी दोनों को फायदा हो और उपभोक्ता हितों कि
![]() |
| कार्यक्रम में मौजूद अतिथि व अन्य |
भी रक्षा होती है। समस्त प्रतिभागियों एवं आयोजकों को शुभकामना देने के साथ कुलपति ने स्वयं सहायता समूहों एवं एफपीओ की महत्ता का भी उल्लेख किया। इस प्रशिक्षण में जिले के ग्रामीण अंचलों से कुल 25 प्रशिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया। उदघाटन सत्र में डा. केएस तोमर, डा. विशाल चुग, डा. बृजेन्द्र सिंह, डा. आशुतोष राय अन्य गणमान्य प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन फासलोत्तर प्रोद्योगिकी विभाग की अध्यक्षा प्रो. प्रिया अवस्थी द्वारा एवं कार्यक्रम का संचालन डा. बालाजी विक्रम द्वारा किया गया।


No comments:
Post a Comment