कृतिम रंगों का चलन बढ़ने से बना हुआ है खतरा
बांदा, के एस दुबे । लोगों के लिए होली का त्योहार हमेशा से सबसे पसंदीदा और आनंद देने वाला त्यौहार रहा है। यह त्यौहार न केवल खुशियां लाता है बल्कि अपने साथ उत्साह भी लाता है। लेकिन इस बीच सबसे जरूरी है कि आप अपनी आंखों का ख्याल रखें। शोभित गुप्ता (नेत्र परीक्षण अधिकारी) ने बताया कि आजकल होली में कृतिम रंगों का प्रचलन काफी बढ़ गया है, इन रंगों का आंखों पर असर काफी घातक होता है। होली में प्रयोग होने वाले कृतिम रंगों में भारी धातुएं होती हैं जिनकी वजह से आंखों में एलर्जी, पुतली पर खरोच रासायनिक जलन आदि हो सकती हैं। होली खेलते समय आंखों का विशेष देखभाल नहीं करने से आंखों में संक्रमण, अस्थाई अंधापन, एलर्जी, आंखें लाल होना, खुजली पानी, जलन, सूजन इत्यादि हो सकता है। गुलाल में डाले जाने वाले चमकदार कण (अभ्रक) आंखों की पुतली के लिए काफी खतरनाक होते हैं पुतली पर खरोच और सूजन के मुख्य कारण होते हैं। होली पर आंखों की विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
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| डा. शोभित गुप्ता, नेत्र परीक्षण अधिकारी |
होली पर आंखों के लिए बरसतें विषेष सावधानी
- - होली खेलते समय धूप का चश्मा जरूर पहने।
- - होली खेलने से पहले आंखों के चारों तरफ नारियल का तेल या अच्छी क्रीम लगा लें ताकि रंग आसानी से निकल जाए और आंखों में कोई नुकसान ना हो।
- - चेहरे पर रंग लगाते समय अपनी आंखों को बंद कर लेनी चाहिए ताकि रंग आंखों के अंदर ना जा सके।
- - होली में हर्बल रंगों एवं गुलाल का प्रयोग करना चाहिए।
- - होली खेलते समय कांटेक्ट लेंस का प्रयोग बिल्कुल ना करें।
- - अगर ऐसा लगे कि आंख में कुछ रंग इत्यादि चला गया है तो आंखों को बिल्कुल ना मले(रगड़े) मलने एक खरोंच और संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है।
- - ऐसी स्थिति में आंखों को साफ और ठंडे पानी से धोएं!
- - अपनी मर्जी से कुछ भी दवा न लें केवल लुब्रिकेंट आई ड्राप्स का उपगोग करें ये आपकी आंखों में हो रही जलन को और संक्रमण को रोकने में मदत करेगा।
- - ऐसे कुछ होने पर तुरंत चिकित्सीय परामर्श ले, तुरंत नजदीकी नेत्र चिकित्सालय में जाएं और नेत्र चिकित्सक या नेत्र परीक्षण अधिकारी को दिखाएं उपचार एवं सलाह लें।
- - इस तरह की आंखों किसी भी परेशानी होने पर 9695600165 पर निशुल्क परामर्श एवं सलाह ले सकते हैं।


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