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Monday, April 24, 2023

पुस्तकालय मां सरस्वती के मंदिर स्वरूप- प्रो मुकेश पाण्डेय

रिपोर्ट देवेश प्रताप सिंह राठौर 

पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय राष्ट्रीय क्षमता कार्यक्रम प्रारंभ

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में हो रहा है आयोजन

झांसी। समाज के समग्र विकास के साथ ही मानव की रचनात्मकता, जीवन के मूल्यों के प्रति आस्था, प्रकृति के प्रति प्रेम एवं ज्ञान के अंतिम बिंदु की प्राप्ति के लिए पुस्तकों का विशेष महत्व है। साक्षरता मां सरस्वती का आशीर्वाद है एवं पुस्तकालय साक्षात महासरस्वती के मंदिर उक्त विचार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन (एनएमएल) और राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन (आरआरआरएलएफ), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा सार्वजनिक पुस्तकालय कर्मियों के लिए 5 दिवसीय (24 से 28 अप्रैल, 2023) क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डिजिटल एजुकेशन के लिए डिजिटल लाइब्रेरी, वर्चुअल क्लासरूम, डिजिटल रिसोर्सेस आदि का महत्व है। आज ई-बुक्स, ई- जर्नल्स, ऑडियो बुक्स जैसी नई तकनीक आ रही है। पुस्तकालय में पुस्तकों के रखरखाव, छात्रों द्वारा उन्हें निकालने और जमा करने में सॉफ्टवेयर्स का प्रयोग किया जा रहा है । ऐसे में पुस्तकालय कर्मियों का नई सूचना तकनीक से परिचित होना आवश्यक है। निश्चित ही इस कार्यशाला से देश भर से


आए पुस्तकालय कर्मियों को लाभ मिलेगा। राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी  कल्याणकारी राज्य में जनता के विकास के लिए  योजनाओं का निर्माण किया जाता है। युवा पीढ़ी बेहतर रोजगार प्राप्त कर सके इसके लिए पठन-पाठन आवश्यक है। वैश्विक स्तर पर अगर देखा जाए तो पुस्तकालय की संख्या एवं उनके क्रियान्वयन में हम अभी पीछे हैं। लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों से सरकार का प्रयास जारी है। वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है कि हम आम नागरिकों को अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से पुस्तकालयों की सुविधा प्रदान कर सकें। इसी दिशा में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक गांव में ग्राम पंचायत पुस्तकालय एवं प्रत्येक वार्ड में वार्ड पुस्तकालय का निर्माण किया जाए। पूरे देश में 2 लाख 85 हजार ग्राम पंचायत हैं। सर्वप्रथम बनारस में प्रत्येक ग्राम पंचायत में 650 ग्राम पंचायत पुस्तकालय का निर्माण नेशनल मिशन ऑफ लाइब्रेरी के अंतर्गत मई माह के अंत तक कर लिया जाएगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कर्नल संगीत सिंह सिद्धू ने छात्रों को जीवन में पुस्तकालय के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय युवा छात्र के सबसे अच्छे मित्र हैं। परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर

ने अनौपचारिक शिक्षा में पुस्तकालयों की भूमिका की चर्चा की। इसके पूर्व कार्यक्रम संयोजक डॉ रितु सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। आईआईसी की प्रेसिडेंट प्रो अपर्णा राज ने आईसीसी की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। संचालन डॉ अनुपम व्यास ने किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सार्वजनिक पुस्तकालय के पुस्तकालय कर्मी / पेशेवर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं । इस अवसर पर कला संकायाध्यक्ष प्रो मुन्ना तिवारी, डॉ ऋषि सक्सेना, डॉ संतोष पांडे, डॉ.ममता सिंह, डॉ शालिनी व्यास, डॉ. पूनम मल्होत्रा, डॉ बी एस भदौरिया, डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ. डी के भट्ट, श्री दीपांजन चटर्जी, परियोजना एनएमएल के अधिकारी, पुस्तकालय विभाग के सहायक आचार्य डॉ. ज्योति गुप्ता, डॉ रूपेंद्र सिंह, रिसर्च स्कॉलर अभिनव शेषा, ऑफिस स्टाफ सुनील कुमार वर्मा, राजकुमार एवम विभिन्न विभागों के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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