परशुराम भगवान विष्णु के आवेशावतार
तिंदवारी, के एस दुबे । कस्बे के गांधीनगर में ब्रह्म शक्ति और शस्त्र शक्ति के अद्वितीय समन्वयक, भृगुकुल शिरोमणि भगवान परशुराम के जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शनिवार को कस्बे के गांधीनगर में आयोजित भगवान परशुराम के जन्मोत्सव अवसर पर विप्र बंधुओं द्वारा उनकी विधिवत पूजा, अर्चना कर आरती उतारी गई। ओंकार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ समाजसेवी आनंद स्वरूप द्विवेदी द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामनारायण त्रिपाठी ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के आवेशावतार हैं। महाभारत और विष्णु पुराण के अनुसार परशुराम जी का मूल नाम राम था। किंतु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम हो गया। उन्होंने अपनी स्वरचित
भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित करते लोग |
परशुराम आरती ष्आरती कीजै भगवान राम की, परशु साहित प्रभु परशुराम कीष्को गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर ज्ञानेंद्र मिश्रा ने कहा कि भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जीवन हमें कर्तव्य, निष्ठा, धर्म और मानवता की सेवा की प्रेरणा देता है। उनके जीवन से हमें न्याय और सत्य का पक्ष लेने तथा अन्याय का विरोध करने की सीख मिलती है। इस अवसर पर रामबली दीक्षित, कामता प्रसाद मिश्रा, विष्णु दत्त तिवारी, जयप्रकाश तिवारी, ओम प्रकाश शुक्ला, शीतला शंकर मिश्रा, रामबहोरी दुबे, बृजमोहन द्विवेदी काका, चंद्रभान तिवारी, अतुल दीक्षित, राहुल शुक्ला, देवेंद्र तिवारी, नरेंद्र शुक्ला, दीपक द्विवेदी, रज्जू मिश्रा, बद्रीविशाल द्विवेदी, राकेश मिश्रा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment