रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज कैंपस में हुई घटना
कालेज प्रशासन ने घरवालों को दी जानकारी
आत्महत्या किए जाने का कारण अब तक अज्ञात
बांदा, के एस दुबे । नरैनी रोड स्थित रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज की एमबीबीएस की छात्रा ने बुधवार की दोपहर हास्टल के कमरे में सीलिंग फैन पर दुपट्टा फंसाकर फांसी लगा ली। दोपहर बाद मौके पर पहुंची अन्य छात्राओं ने देखा तो आनन-फानन फंदा काटकर उसे नीचे उतार लिया। उसे तत्काल मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। काफी मशक्कत के बाद भी चिकित्सक छात्रा को बचा नहीं पाए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस की मर्च्युरी में रखवा दिया। घटना की जानकारी मृतका के परिजनों को दे दी गई है। अभी तक आत्महत्या के कारण का पता नहीं चल सका है।
मृतक एमबीबीएस छात्रा ऊषा भार्गव |
राजस्थान के चुरू की रहने वाली ऊषा भार्गव (23) पुत्री प्रभुराम भार्गव 2020 बैच की एमबीबीएस की छात्रा थी। वह रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज के छात्रावास के कमरा नंबर 18 में रहती थी। बुधवार की दोपहर उसने कमरे के अंदर दुपट्टे से सीलिंग फैन पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। क्लास छूटने के बाद वापस हास्टल पहुंची साथी छात्राओं ने देखा तो दरवाजे बंद थे। खिड़की से झांककर देखा तो ऊषा दुपट्टे के सहारे फंदे से लटक रही थी। मौके पर पहुंची छात्राओं ने अन्य लोगों ने दरवाजा तोड़ा और अंदर घुसकर उसे फंदे से नीचे उतारा। देखा तो उसकी सांसें चल रही थीं। छात्रा को आनन-फानन उपचार के लिए मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में लाया गया। काफी प्रयास के बाद छात्रा को बचाया नहीं जा सका, उसकी मौत हो गई। सूचना पाकर मेडिकल कालेज प्राचार्य डा. एसके कौशल, सोमेश त्रिपाठी के अलावा डा. एसके यादव समेत तमाम डाक्टर मौके पर पहुंच गए। हालांकि आत्महत्या करने का कारण अज्ञात है। सूचना पाकर अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र, सीओ सिटी गवेंद्रपाल गौतम समेत कोतवाली प्रभारी मनोज शुक्ला मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच पड़ताल की। हालांकि मेडिकल कालेज के प्राचार्य का कहना है कि फिलहाल आत्महत्या का कारण अज्ञात है। परिजनों के आने बाद ही कुछ पता चल सकेगा।
छात्रावास के अंदर जांच पड़ताल करते अपर एसपी लक्ष्मी निवास मिश्र
वर्ष 2022 में भी छात्र ने की थी आत्महत्या
बांदा। गौरतलब हो कि मेडिकल कालेज में पिछले साल 12 सितंबर 2022 को एमबीबीएस के छात्र अमित मजूमदार ने भी इसी तरह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट छोड़ा था। इसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहरने की बात कही थी, जिससे यह मामला ठंडा पड़ गया था। अब एक और घटना होने से मेडिकल कालेज प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं।
मेडिकल कालेज का छात्रावास और बाहर मौजूद पुलिस
बुधवार को क्लास में नहीं गई थी ऊषा
बांदा। एमबीबीएस छात्रा ऊषा की आत्महत्या को लेकर बस चर्चाएं ही हो रही हैं, कारण किसी को भी नहीं पता है। हालांकि 15 अगस्त के दिन ध्वजारोहण के दौरान छात्रा मौजूद रही, उसके माथे पर किसी भी प्रकार की सिकन नहीं थी। बुधवार की सुबह छात्रा ने अपनी तमाम साथी छात्राओं के साथ नाश्ता किया। किसी भी प्रकार की कोई बात भी छात्राओं से ऐसी नहीं हुई कि उसे कुछ परेशानी समझ में आए। लेकिन दोपहर के समय अचानक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, इसको लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
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