हर साल ऋषि पंचमी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार ये सात ऋषि हैं, वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र और भारद्वाज। साथ ही मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और सप्तऋषियों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस व्रत को करने से इंसान को जन्म और मरण के चक्र से मुक्ति मिलती जाती है. यह व्रत बहुत ही खास है, क्योंकि इसमें देवी देवता की नहीं, बल्कि सप्त ऋषियों की पूजा होती है ऋषि पंचमी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी
तिथि को मनायी जाएगी . पंचांग के अनुसार इस साल पंचमी तिथि का समय 19 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 43मिनट पर शुरू हो रहा है और 20 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 16 मिनट पर खत्म हो रहा है. इस पर्व में उदया तिथि की मान्यता है, इसलिए ऋषि पंचमी का व्रत 20 सितंबर को रखा जाएगा.ऋषि पंचमी यानि 20 सितंबर के दिन पूजा करने का शुभ समय सुबह 10 बजकर 46 मिनट पर शुरू हो रहा है और उसी दिन दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो रहा है. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होगी.
-ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ


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