खरीफ व रबी में प्याज व तकनीक व करूक्षेत्र में प्राकृतिक खेती की मिली जानकारी
फतेहपुर, मो. शमशाद । आत्मा योजना के अंतर्गत कृषि विभाग के तत्वाधान में सबमिशन आन एग्रीकल्बर एक्सटेंशन प्रायोजित अंतर्राज्यीय कृषक प्रशिक्षण भ्रमण के तहत प्रज्ञा ग्रामोत्थान सेवा समिति के माध्यम से 58 किसानों को करनाल (हरियाणा) स्थित आईसीएआर भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, गन्ना प्रजनक संस्थान व एनएचआरडीएफ के साथ ही कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती केन्द्र में प्रशिक्षण एवं भ्रमण हेतु जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
किसानों के दल को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते डीएम रविन्द्र सिंह। |
उन्होंने कहा कि जनपद में गेंहूं मुख्य फसल है इसलिए भारतीय गेंहूं एवं अनुसंधान संस्थान में किसानों को विभिन्न नवीनतम प्रजातियों व खेत की तैयारी से लेकर बुआई, सिंचाई व सन्तुलित उर्वरक के प्रयोग तथा खरपतवार प्रबन्धन सहित उत्पादकता वृद्धि हेतु तकनीकी जानकारी मिलेगी, वहीं डेयरी संस्थान में कृषि के साथ पशुपालन व दुग्ध उत्पादन एवं दूध से मूल्य संवर्द्धन हेतु विभिन्न उत्पादों की जानकारी मिलेगी इसके साथ ही मृदा संस्थान में किसानों को मृदा सुधार, सिंचाई व मल्चिंग एवं फसलों में रोग कीट नियंत्रण, कटाई उपरान्त भंडारण के साथ ही मूल्य संवर्द्धन की जानकारी मिलेगी। जिससे किसानों की आय में वृद्धि संभव है इसलिए किसान इन संस्थानों में ज्ञान प्राप्त कर अन्य किसानों को भी अपने गांव पड़ोस में जानकारी दे। उप कृषि निदेशक राममिलन सिंह परिहार ने कहा कि एनएचआरडीएफ सलारू करनाल में प्याज व लहसुन की उन्नतिशील प्रजातियों, खरीफ व रबी में प्याज व लहसुन उत्पादन तकनीक की जानकारी मिलेगी। कुरूक्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जानकारी मिलेगी। इसके साथ ही कहा कि इन संस्थानों में खाद्य प्रसंस्करण हेतु उत्पाद बनाने के लिए सभी प्रकार के अनाज, मोटे अनाज एवं सब्जी व फल के प्रसंस्करण एवं साफ सफाई मूल्य संवर्द्धन की जानकारी मिलेगी। जिसकी जानकारी लेकर किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। फसलों के साथ ही मशरूम उत्पादन व मधुमक्खी पालन इत्यादि की जानकारी किसानों को दी जाएगी। जिससे किसानों एवं उनके परिवार के बेरोजगार युवाओं के आय का स्रोत बन सकता है। भ्रमण कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रज्ञा ग्रामोत्थान सेवा समिति के सचिव उमेश चन्द्र शुक्ल ने कहा कि इन भ्रमण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम से सस्थानों के फार्म भ्रमण में कृषि की नई तकनीक प्रत्यक्ष देखने को मिलती है जिसे किसान अपनाकर उत्पादन में वद्धि करने के साथ ही अन्य किसानों के लिए माडल बनते हैं जिसे देखकर अन्य किसान भी अपनाते हैं। इन कृषक भ्रमण कार्यक्रमों से किसानों के उत्साह में भी वृद्धि होती है। इस भ्रमण दल में शिवप्रताप सिंह, हरिओम मिश्र, पंथू सिंह, रामराज मौर्य, मंगल सिंह मोती पालक, कन्हैयालाल, विकास कुमार, रामकरन भ्रमण दल में हैं।
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