विवाह पंचमी मार्गशीर्ष के महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाई जाती है. इस बार विवाह पंचमी 6 दिसंबर को है.पंचमी तिथि 5 दिसंबर की रात्रि 12 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 6 दिसंबर को दिन मे 12 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी .इस वर्ष पंचमी तिथि पर श्रवण नक्षत्र, शिव योग का निर्माण हो रहा है जो दिन भर रहेगा । ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 10 बजकर 43 मिनट पर होगा। सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग भी बन रहा है । मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था. इस उत्सव को खासतौर से नेपाल और मिथिालांचल में भी मनाया जाता है. इस दौरान घरों और मंदिरों में उत्सव मनाया जाता है और राम व सीता का पारंपरिक रूप से गठबंधन किया जाता है । कई स्थानों
पर इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम की बारात भी निकाली जाती है। अगर विवाह में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न हो रही है, तो इस दिन व्रत रखे । विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम और जनकनंदनी माता सीता की उपासना करनी चाहिए। इसी दिन गोस्वामी श्री तुलसी दास जी ने रामायण का अवधी संस्करण पूरा किया था. मान्यता है कि विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता जानकी की पूजा और तुलसीदास जी रचित श्री रामचरितमानस की सिद्ध चौपाइयों का जाप करने पर साधक को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. अगर बालकाण्ड में राम-सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करते हैं, मनचाहे विवाह का वरदान प्राप्त होता है पारिवारिक जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।
-ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ
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