रामलीला में परशुराम और लक्ष्मण के बीच हुए तीखे कटाक्ष
बांदा, के एस दुबे । संकटमोचन मंदिर चल रही रामलीला के पांचवें दिन शुक्रवार सुबह-सुबह धनुष भंग लीला का मंचन कलाकारों ने किया। परशुराम-लक्ष्मण संवाद को सुनने के लिए पूरी रात भीड़ जमी रही। जब परशुराम को भगवान राम के अवतार के बारे में ज्ञान हुआ तो उन्होंने अपने संदेह को दूर करने के लिए धनुष उन्हें दिया। पुत्री सीता के विवाह के लिए राजा जनक ने सीता स्वयंवर का आयोजन किया। उपस्थित राजा जब धनुष को उठाना तो दूर हिला तक नहीं सके तो परेशान होकर राजा जनक विलाप करने लगे उन्होंने कहा कि उन्हें आज पता चला कि पृथ्वी वीरों से खाली हो चुकी है। जनक का विलाप सुन दर्शक भाव विभोर हो गए। जनक की बातें सुन लक्ष्मण क्रोधित हो उठे तब भगवान राम ने इशारे से उन्हें रोका और विश्वामित्र से आज्ञा लेकर धनुष का भंजन किया। धनुष
परशुराम लक्षण संवाद लीला का मंचन करते कलाकार। |
टूटते ही सीता ने भगवान राम के लगे में जयमाला डाल दी। धनुष टूटने की आवाज सुनते ही परशुराम स्वयंवर में आ गए और धनुष तोड़ने वाले का नाम पूछने लगे, इस पर वहां सन्नाटा छा गया। वहीं परशुराम और लक्ष्मण के बीच जमकर शब्दों के बाण चले। परशुराम लक्ष्मण संवाद का लुत्फ उठाने के लिए पूरी रात भीड़ जमी रही। आयोजन समिति अध्यक्ष महंत उमाशंकर दास, धर्मेन्द्र त्रिपाठी ज्ञानेंद्र, जयराम सिंह चंदेल, अवधेश शर्मा, शिवकुमार पत्रकार बड़कू भइया , सुरेंद्र मिश्रा, संतोष सिंह,,अशोक कछवाह, पप्पू श्रीवास्तव,छोटा सिंह, बल्लू हलवाई,राधेश्याम मिश्र, विवेक नामदेव, मयंक चौरसिया,सुभम मिश्रा, लल्लू शिवहरे,पवन दीक्षित, सपन शुक्ला, अतुल शर्मा, मृदुल, रंजीत, कमल, लाखन, रज्जन, प्रांशु, राहुल मौजूद रहे।
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