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Wednesday, December 25, 2024

पीढ़ियों को दिशा दिखाता रहेगा भारत रत्न अटल जी का समर्पण : राज्यमंत्री

राज्यमंत्री और सदर विधायक ने अटल प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, दी श्रद्धांजिल

प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने कायम की सुशासन की मिसाल

बांदा, के एस दुबे । पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर बुधवार को भाजपाइयों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही विभिन्न आयोजन हुए। वहां उनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनी और संगोष्ठी का आयोजन कर उनहें याद किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर भाजपा जिलाध्यक्ष संजय सिंह की अध्यक्षता में भाजपाइयों ने जिला पंचायत कार्यालय परिसर में अटल वाटिका पहुंचकर वहां स्थित अटल प्रतिमा पर टीका लगाया और माल्यार्पण करते हुए पुश्प् अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अटल जी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने करते हुए

अटल प्रतिमा पर माल्यार्पण करते राज्यमंत्री रामकेश निषाद व अन्य

कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस मौके पर जिला पंचायत सभागार में आयोजित संगोष्ठी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री श्री निषाद ने कहा कि सुशासन और जनकल्याण के प्रति अटल जी का समर्पण भावी पीढ़ियों को दिशा दिखाता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप् में सुषासन की मिसाल कायम की थी। इसीलिए उनके जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप् में मनाया जाता है। इस बार देष में सुषासन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिससे सुशासन के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ें। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सुषासन के प्रति समर्पित थी। यह संविधान और विचारधारा की प्रेरणा थी। उनकी सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को साकार करने का प्रयास किया। अनवरत इस दिषा में प्रयास आवष्यक होता है। समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति के विकास पर सरकारों का ध्यान होना चाहिये। उन्हें मुख्यधारा समें षामिल करने का संकलप दिखाना चाहिये। इसके लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिष्चित किया था। जहां षरीर, मन बुद्धि, एकात्म के साथ आगे बढ़ती है, वही संपूर्ण संतुश्टि मिलती है। यही एकात्म मानववाद है। इसी में अंत्योदय विचार समाहित हैं इसी के अनुरूप् सुषासन का संचालन किया जाता है। सदर विधायक प्रकाष द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि नदी से
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी

नदी जोड़ने की, सड़क के माध्यम से गांव से गांव जोड़ने की कल्पना अटल जी ने की थी, आज केंद्र की मोदी सरकार अटल जी की योजनाओं को आगे बढ़ाकर देष को विकसित भारत बनाने की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल जी के द्वारा निर्धारित सुषासन के दृश्टिगत ग्यारह संकल्प संसद में प्रस्तुत किए। नागरिक और सरकार दोनो अपने कर्तव्यों का पालन करें। समाज के सभी वर्गों को विकास का लाभ मिले। सबका साथ सबका विकास चरितार्थ हो। भ्रश्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो। भ्रश्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो। कानून, नियम और परंपराओं के पालन में देष के नागरिकों को गर्व होना चाहिये। गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो। देष की विरासत पर गर्व हो। देष की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले। संविधान का सम्मान हो, राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए। नरैनी विधायक ओममणि वर्मा ने हा कि वाजपेयी जी इकलौत नेता हैं जिन्हें चार अलग-अलग राज्यों से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने का गौरव हासिल है। एक प्रधानमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल इतना गौरवषाली रहा कि एक दषक के बाद भी उस कार्यकाल को न सिर्फ याद किया जाता है बल्कि उस पर अमल भी किया जाता है। जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि अटल जी ने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज से स्नातक किया था। इसके बाद उन्होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति षास्त्र में परास्नातक की डिग्री हासिल की। संगोश्ठी को पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष अयोध्या सिंह पटेल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जगराम सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष संतोश गुप्ता, अखिलेष श्रीवास्तव, लवलेष सिंह, किसान मोर्चा क्षेत्रीय अध्यक्ष बालमुकुंद षुक्ला ने भी संबोधित किया। जबकि संचालन जिला उपाध्यक्ष प्रेनारायण द्विवेदी द्वारा किया गया। उस दौरान अखिलेष नाथ दीक्षित, कल्लू सिंह राजपूत, ममता मिश्र, ब्लाक प्रमुख स्वर्ण सिंह सोनू, चेयरमैन मालती बाूस, अनीता षुक्ला, संतू गुप्ता, पूर्व चेयरमैन विनोद जैन और राजकुमार राज, राजेष सेन, उत्तम सक्सेना, षैलेंद्र जायसवाल, रामराज गुप्ता, आनंद, अजीत प्रकाष गुप्ता, संतोश नायक, ष्याम सिंह एडवोकेट, वंदना गुप्ता, पंकज रैकवार, राजर्शि षुक्ला, आनंदस्वरूप् द्विवेदी, इंद्रेष द्विवेदी, धनंजय करवरिया, दिलीप तिवारी, प्रेमनारायण पटेल, अंकित बासू, राहुल सिंह, धीरेंद्र सिंह गौतम, राजीव षुक्ला, आनंदी साहू, सुषील अवस्थी, राकेष गुप्ता दद्दू, दुर्गा चौरसिया, सुनील त्रिपाठी, संतोश राजपूत, देवेष मोनू, धनंजय चौधरी, प्रांजल मिश्र, सुरेष कान्हा, लखनलाल राजपूत, रूपा चौहान आदि बड़ी संख्या में भजापा कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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