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Sunday, December 1, 2024

अमावस्या मेला पर लाखों श्रद्धालुओं ने मां मंदाकिनी में लगाई डुबकी

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । श्रीराम की तपोस्थली धर्मनगरी चित्रकूट रविवार को अगहन माह की अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं से गुलजार रहा। भक्तों ने मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर भगवान कामतानाथ के दर्शन किये। रविवार को रामघाट पर सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा। स्नान-दान के साथ सत्यनारायण भगवान की पूजा व मां लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु की आराधना की गई। आचार्यों ने अगहन माह अमावस्या का धार्मिक व पौराणिक महत्व बताया। कहा कि जो दान-पुण्य व पितरों की शांति को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। आचार्य विराट महाराज ने कहा कि ये पवित्र स्थल सतयुग से त्रेता युग तक धर्म और

 रामघाट में श्रद्धालुओं की भीड।

इतिहास का अद्भुत संगम है। भगवान श्रीराम ने यहां अपने वनवास का बड़ा हिस्सा बिताया था। यहां हर अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु आते हैं और मां मंदाकिनी में स्नान कर अपने पापों का नाश करते हैं। महाराज ने आगे बताया कि पंचकोसी परिक्रमा व कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा का विशेष महत्व है। श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति को भगवान कामतानाथ की पूजा करते हैं। अमावस्या पर रामघाट व आसपास के क्षेत्रों में विशेष धार्मिक गतिविधियों का आयोजन हुआ। मंदाकिनी तट पर स्नान व दान के बाद श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी और अपने पितरों के लिए तर्पण किया। अमावस्या पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ ये साबित करती है कि ये स्थल न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय संस्कृति का जीवंत प्रतीक है।


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