देवेश प्रताप सिंह राठौर वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश, झाँसी। गुरुद्वारा श्री हरमंदिर साहिब जिसे हम सभी स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जानते हैं यह स्थान सेवा, सद्भाव और बलिदान का सबसे बड़ा प्रतीक है। सहकार भारती के आठवें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉक्टर संदीप सपत्नीक अमृतसर पहुंचे जहां उन्होंने कार्यक्रम उपरांत गुरुद्वारा श्री हरमंदिर साहब के दर्शन किए एवं माथा टेका साथ ही जग कल्याण की प्रार्थना करते हुए कहा सिख धर्म ने सनातन धर्म की रक्षा
के लिए अनेकों बलिदान दिए हैं जिसके लिए हम सभी गुरुओं के हमेशा ॠणी रहेंगे। हमारा संगठन संघर्ष सेवा समिति सामाजिक सद्भाव पर कार्य कर रहा है हम धर्म जाति पंथ आदि भेदभाव से परे होकर समाज हित में कार्य कर रहे हैं। आज स्वर्ण मंदिर में दर्शन और सेवा करने का अवसर मिला जो वास्तव में अद्वितीय है। मैं आप सभी से अनुरोध करना चाहूंगा कि वास्तविक सेवा क्या होती है इसके लिए एक बार स्वर्ण मंदिर जरूर आए और हो सके तो यहां सेवा भाव से समर्पित होने का भी प्रयास करें।
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