देवेश प्रताप सिंह राठौर
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश, झांसी। रानी लक्ष्मी बाई राजकीय पैरामेडिकल कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कानपुर प्रांत का 64वां प्रांत अधिवेशन 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस अधिवेशन के दौरान परिसर को 'महारानी लक्ष्मी बाई नगर' नाम दिया गया है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र के उन्नयन और छात्रों के हितों से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा करना है। अधिवेशन में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा प्रणाली में सुधार, छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएं और पाठ्यक्रम में बदलाव जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होगा। साथ ही, विद्यार्थियों के समग्र विकास और उनके नेतृत्व कौशल को बढ़ाने के लिए रणनीतियां तैयार की जाएंगी। अधिवेशन में एबीवीपी के पदाधिकारी, शिक्षाविद, और विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसका उद्देश्य न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति करना है, बल्कि राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर भी छात्रों को जागरूक करना है।
इस अधिवेशन से न केवल शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी, बल्कि छात्रों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। 'महारानी लक्ष्मी बाई नगर' के रूप में यह परिसर इस ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनेगा। झांसी में हो रहे इस प्रांत अधिवेशन को लेकर छात्रों और शिक्षाविदों में खासा उत्साह है। इसे शिक्षा और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। झांसी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 64वें प्रांत अधिवेशन के अंतर्गत भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर ए.के. सिंह, कुलपति, रानी लक्ष्मी बाई कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। यह अधिवेशन 23 से 25 दिसंबर तक आयोजित हो रहा है, जिसमें देशभर से विद्यार्थी और प्रांत स्तर के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जो विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, हर साल अपने प्रांत अधिवेशनों के जरिए छात्रों को संगठित करने और राष्ट्रीय चेतना को मजबूत करने की दिशा में कार्य करता है।
प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो.ड्रा अंशुल जैन, निदेशक महारानी लक्ष्मी बाई पैरामेडिकल कॉलेज, ड्रा अशोक कुमार सिंह कुलपति केंद्रीय कृषि वि,और डॉ. पवन त्रिपाठी, प्रांत उपाध्यक्ष, श्री दिग्विजय सिंह, प्रांत सह मंत्री, विवेक कुमार सिंह महानगर अध्यक्ष,सुयश शुक्ल महानगर मंत्री भी उपस्थित रहे। इस वर्ष की प्रदर्शनी को 'रानी अहिल्या बाई होलकर' के नाम से समर्पित किया गया है। इसमें चार प्रमुख गैलरी बनाई गई हैं, जो भारत के गौरवशाली इतिहास, लोक कला, साहित्य और बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती हैं।
प्रदर्शनी में विशेष रूप से फाइन आर्ट्स के छात्रों द्वारा बनाए गए कला कार्य आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन कलाकृतियों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता की झलक मिलती है। इसके साथ ही, परिषद द्वारा पूरे वर्ष किए जाने वाले प्रमुख कार्यक्रमों को भी प्रदर्शित किया गया है। राष्ट्रीय कलमंच, शील टूर, आंदोलन और अन्य गतिविधियों को खासतौर पर प्रस्तुत किया गया है, जो परिषद के संगठनात्मक कार्यों की गहराई और विविधता को दर्शाते हैं। बुंदेलखंड की कला और संस्कृति को विशेष रूप से उजागर करते हुए इस क्षेत्र की परंपराओं और साहित्य को भी प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित वक्ताओं ने विद्यार्थी परिषद के आदर्शों, कार्यशैली और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान पर प्रकाश डाला। प्रदर्शनी और अधिवेशन दोनों ही युवाओं को प्रेरित करने और उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित किए जा रहे हैं। यह अधिवेशन न केवल छात्रों को संगठित करेगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रहित में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित भी करेगा।
एबीवीपी का प्रांत अधिवेशन 23 दिसंबर से शुरू
झांसी। रानी लक्ष्मी बाई राजकीय पैरामेडिकल कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कानपुर प्रांत का 64वां प्रांत अधिवेशन 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस तीन दिवसीय अधिवेशन का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र के उन्नयन और विद्यार्थियों के हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना है।
कार्यक्रम में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। अधिवेशन के दौरान शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और छात्र-केंद्रित बनाने, छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने और शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय विकास में योगदान देने जैसे विषयों पर गहन मंथन होगा। अधिवेशन में एबीवीपी के पदाधिकारी, शिक्षाविद, और विभिन्न कॉलेजों के छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस दौरान छात्रहित से जुड़े कई प्रस्ताव पारित किए जाएंगे, जैसे कि छात्रों के लिए उचित फीस संरचना, छात्रावास की सुविधाओं में सुधार और नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत। अधिवेशन का शुभारंभ 23 दिसंबर को होगा, जबकि समापन समारोह 25 दिसंबर को होगा, जिसमें पारित प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इस अधिवेशन से छात्रों को नई दिशा और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने की प्रेरणा मिलेगी। इस मौके पर घनश्याम शाही जी क्षेत्रीय संगठन मंत्री,मनीष राय जी प्रांत संगठन मंत्री, विक्रम जी अखिल भारतीय अग्रविशन प्रमुख,शिवा राजे बुंदेला जी प्रांत मंत्री,ब्रजेश मिश्र प्रांत अध्यक्ष, रसकेंद्र गौतम प्रांत कार्यकारणी सदस्य,अखिलेश तिवारी अग्रविशन प्रमुख,ज्ञानेंद्र विभाग संगठन मंत्री,शुभम जिला संगठन मंत्री,रानू देवलिया,अमित चिरवरिया,राजीव सेगर,मनेंद्र सिंह गौर,भारती प्रजापति राष्ट्रीय कला मंच संयोजक, हर्ष जैन प्रांत सेवार्थ विद्यार्थी सह संयोजक,प्रतिमा परमार,अरविंद परमार, डॉ गिरजा सिंह,डॉ रश्मि सेंगर,डॉ सुनीता,डॉ रानी शर्मा,डॉ अंकिता शर्मा,डॉ अनुराग,अंगिता, सहदेव,सुशांत श्रृंगऋषि,अभय ब्रह्मचा,तेजस प्रताप आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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