कटरा रोड स्थित मैरिज हाल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का सातवां दिन
कथा श्रवण करने के लिए उमड़ी श्रोताओं की भीड़, माखनचोर की गूंजी जय-जयकार
बांदा, के एस दुबे । बामदेव ऋषि की तपोभूमि शहर के कटरा रोड स्थित एक मैरिज हाल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सांतवे दिन रविवार को आचार्य नवलेश महाराज ने श्रोताओं को समझाते हुए यह बताया कि भरोसा हो तो कृष्ण और सुदामा की तरह। एक ही गुरु के दोनों शिष्य थे, बालसखा थे और भरोसेमंद थे। जो लोग यह जानते हैं कि भक्त सुदामा दरिद्र थे उनकी जानकारी गलत है, सुदामा दरिद्र नहीं थे, निर्धन थे। भागवत की कथा महिमा में यदि विवेक साथ न दे तो हम सही अर्थ नहीं समझ सकते। इसलिए आवश्यक है कि अर्थ को ज्ञान से न जोड़ कर देखें। ऐसा जिस दिन हम अपने मन में विचार कर लेंगे उसी दिन सुदामा जी का सही मूल्यांकन कर सकते हैं, जो स्वयं ब्रह्म का मित्र हो, वह दरिद्र कैसे हो सकता है। भक्त और ज्ञान परंपरा में सुदामा बहुत अग्रणी है।
आचार्य नवलेश और श्रीमद्भागवत की आरती उतारते श्रद्धालु |
श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन भागवत रन कथा व्यास नवलेश दीक्षित ने श्रोताओं को बताया कि जीवन में सुख और दुख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सुख की घड़ी में व्यक्ति भगवान को भूल जाता है, यदि भगवान को याद रखना है, तो परिस्थितियों में दुख का होना अति आवश्यक है। यही तो आपके जीवन की कसौटी है। यह वह मानक है जो आपके भीतर भक्त होने का प्रमाण देता है, इसलिए घबराना नहीं चाहिए, इसको भी जीवन का यह एक रंग समझ कर रंग जाना चाहिए और उसे अच्छे से जी लेना चाहिए। कथा महत्व में नाम की महिमा का उल्लेख करते हुए आचार्य नवलेश महाराज ने बताया कि भगवान में भगवान के लिए नाम की बड़ी महिमा है, नाम जब से वेद द्रवित होते हैं। यहां तक कि भक्ति के अधीन हो जाते हैं, उन्हें यदि अपने वश में करना है तो उनके नाम का जाप करना ही सर्वोत्तम उपाय है और कलयुग में तो सबसे श्रेष्ठतम उपाय में से एक है नाम जाप करना। श्रीमद् भागवत कथा के अनेक प्रसंगों का आचार्य नवलेश महाराज ने बड़ा ही मार्मिक व्याख्यान दिया और श्रोताओं को भाव विभोर करने पर विवश कर दिया। उनका कहना था कि यही कथा की विशेषता है एक लाइन पर तो समूचा पंडाल ही झूम उठा की करुणा करके करुणा निधि रोये। मैरिज हाल में श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य आयोजक जितेंद्र शर्मा उनकी सहधर्मिणी अंकित शर्मा उर्फ बल्ली हैं। धार्मिक भावनाओं के भाव से परिपूर्ण यह जोड़ी अपने माता-पिता मेवाराम जी को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रोता आते हैं। भजनों की शानदार प्रस्तुति पर लोग खूब झूमती भी हैं और ज्यादातर लोगों का यह कहना है कि इस कलिकाल में जीवन संवारने का यह सबसे उत्तम रास्ता है। कथा विश्राम में पधारे सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी और नगर पंचायत अध्यक्ष मालती बासू, विक्की अग्रवाल, संजय अग्रवाल, डॉ. सीताराम राजीव अग्रवाल यह सभी अतिथिगण उपस्थित रहे, भगवान की मंगल आरती और दिव्य प्रसाद का वितरण किया गया।
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