बांग्लादेशी हिंदू रक्षा संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
बांदा, के एस दुबे । बांग्लादेशी हिंदू रक्षा संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने मंगलवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौँपा। ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश के अंदर हिंदू देवालयों पर हो रहे हमले चिंताजनक हैं। बांग्लादेश सरकार और उसकी अन्य एजेंसियां इसे रोकने के स्थान पर मूकदर्शक बनकर बैठी हुई हैं। बांग्लादेश के हिंदुओं के द्वारा स्वरक्षण के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से उठाई गई आवाज को दबाने के लिए उन्हीं पर अन्याय व अत्याचार का नया दौर उभर रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास कग्बांग्लादेश सरकार की ओर से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनकेा बंद करना, उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना, अलोतांत्रिक अमानवीय और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है, उसमें वामपंथी इस्लामिक तत्वों के साथ
कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने के दौरान नारेबाजी करते समिति पदाधिकारी |
मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय के वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिये और जैसी रोक लगानी चाहिये थी, वैसी रोक नहीं लगाई गई। समिति के पदाधिकारियों ने मांग की है कि भारत सरकार विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को अपने संज्ञान में लेते हुए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए और हिंदुओं के ऊपर उत्पीड़न व अत्याचार और देवालयों को लक्षित करके निशाना बनाए जाने की घटनाओं को तत्काल प्रभाव से रुकवाया जाए। इसके साथ ही इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को तत्काल रिहा किया जाए। इसके साथ ही किसी भी हिंदू नेता, हिंदू पुजारी, हिंदू संत, धार्मिक गुरू को बिना किसी कारण के उत्पीड़न न करते हुए गिरफ्तार न किया जाए। ज्ञापन देते समय समिति के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।
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