कानपुर, प्रदीप शर्मा - चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के पादप रोग विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ.एस.के.विश्वास ने आलू फसल में पीछे की झुलसा रोग के प्रबंधन के लिए रविवार को एडवाइजरी जारी की है।वैज्ञानिकों का दावा है कि मौसम की अनुकूलता के आधार पर जनपद में आलू की फसल में पिछेता झुलसा रोग आने की संभावना है। डॉ विश्वास ने बताया कि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में आलू की फसल उगाई जाती है। यहां का आलू सब्जी एवं चिप्स आदि के लिए प्रयोग होता है। ऐसे में यहां पर यदि बीमारी आए तो किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में अभी झुलसा रोग नहीं आया है वहां पर पहले ही मेंकोजेब,
प्रोपीनेजब, कलोरोथेलोनील दवा का .25 प्रतिशत प्रति हजार लीटर की दर से छिड़काव तुरंत करें। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में यह बीमारी आलू में लग चुकी है उनमें साइमोक्सेनिल, मेंकोजेब या फिनेमिडोन मैंकोजेब दवा को 3.0 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करे। उन्होंने किसानों से कहा है कि वह इस प्रक्रिया को 10 दिन में दोहरा सकते हैं। उन्होंने किसानों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि वह फसलों में जरूरत से अधिक कीटनाशक का उपयोग न करें।
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