सदर तहसील में निर्वाचन कार्यों के निरीक्षण दौरान डीएम का सख्त रुख
एसडीएम कोर्ट, भूलेख अनुभाग, राजस्व लिपिक पटल और जनसुनवाई रजिस्टर देखा
बांदा, के एस दुबे । जिलाधिकारी नगेंद्र प्रताप ने गुरुवार को सदर तहसील का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मातहत अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्वाचन कार्य में लापरवाही किसी दशा में क्षम्य नहीं होगी। लापरवाही मिली तो संबंधित अधिकारी की खैर नहीं होगी, सीधे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एसडीएम कोर्ट, भू-लेख अनुभाग, निर्वाचन के कार्यों, राजस्व लिपिक पटल, जनसुनवाई रजिस्टर, रिट याचिका रजिस्टर, बंधक डाॅक रजिस्टर, डाॅक पंजिका, आर्थिक सहायता राजस्व, संग्रह अनुभाग, सहायक राजस्व लेखाकार पटल सहित इत्यादि पटलों का निरीक्षण किया।
सदर तहसील में अभिलेखों का निरीक्षण करते डीएम नगेंद्र प्रताप। |
उन्होंने निर्वाचन के कार्यों का निरीक्षण करते हुए सख्त हिदायत देते हुए निर्देशित किया कि यदि कार्यों का सही ढंग से क्रियान्वयन नही किया गया तो ससपेंशन की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार को निर्देशित किया कि अपनी-अपनी कोर्ट की समीक्षा स्वयं करिए एवं राजस्व वादों का समबद्धता के साथ निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई एवं अलमारियों में फाइलों का रख-रखाव बेहतर ढंग से किया जाए, धूल, मिट्टी न जमने पाये। जो भी प्रार्थना पत्र आयें उनकी आख्या समय से लगायी जाए, यदि रिपोर्ट समय से नही आ रही है तो अनुस्मारक पत्र भेजा जाए तथा रिजस्टर में अंकन भी किया जाए तथा पत्र अनुभाग का निरीक्षण करते हुए निर्देशित किया कि आय, जाति व निवास प्रमाण पत्रों को पेण्डिंग न रखा जाए, यदि किसी शिकायतकर्ता के द्वारा इस सम्बन्ध में कोई शिकायत आती है तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि तीन महीनों से ज्यादा समय से जो वारिस प्रमाण पत्रों से सम्बन्धित प्रार्थना पत्र लंबित हैं, उनकी सूची तत्काल बनाकर दी जाए साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि किस कारण से लंबित हैं। निरीक्षण के समय अपर जिलाधिकारी न्यायिक अमिताभ यादव, अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार, उप जिलाधिकारी सदर अमित शुक्ला, तहसीलदार राधेश्याम, नायब तहसीलदार सहित संबंधित पटलों के पटल सहायक उपस्थित रहे।
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