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Wednesday, January 22, 2025

श्रीमद् भागवत कक्था में श्रीकृष्ण जन्म का हुआ बखान, गूंजे सोहर

जारी गांव में पुतिरन दाई देवी मंदिर में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा 

बांदा, के एस दुबे । बांदा। जारी में पुतरिन दाई देवी मंदिर जिकड़ी यादव की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक कमल नयन शरण महाराज ने बताया कि जब-जब धर्म पर विपदा आती है तो उस विपदा को दूर करने के लिए तब तब भगवान का अवतार होता है। पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु के दो भक्त जय और विजय शापित होकर हाथी व मगरमच्छ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार गंडक नदी में एक दिन कोनहारा के तट पर जब हाथी पानी पीने आया तो मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया। फिर हाथी मगरमच्छ से छुटकारा पाने के लिए कई वर्षों तक लड़ता रहा। इसके बाद वामन अवतार प्रसंग में बताया कि हमारे पास जो है वह सब कुछ भगवान का ही है। भगवान की वस्तुओं को भगवान को समर्पित कर जीवन मुक्ति को प्राप्त कर सकता है। जिस प्रकार महाराज बलि ने सब कुछ भगवान वामन को समर्पित कर भगवान को ही प्राप्त कर

श्रीकृष्ण जन्म कथा का बखान करते कथावाचक कमल नयन शरण महाराज

लिया। श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया। कथा व्यास पं. कमल नयन शरण जी महाराज श्री धाम वृंदावन द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन करने के साथ आयोजन स्थल का पूरा माहौल भी नंदोत्सव के रंग में पूरी तरह से रंग दिया गया। जिसमें नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल और हाथी घोडा पालकी जय कन्हैयालाल के उद्घोष के साथ समूचा आयोजन परिसर गूंज उठा भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद लिया। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों के बीच खूब मिठाई, टॉफीयां और एक दुसरे को बधाई
मौजूद श्रोतागण।

दी कथा व्यास ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आये हैं। आचार्य पंडित प्रदीप पाण्डेय, भजन गायक लवलेश द्विवेदी, तबला वादक रंजीत कुमार, पैड पर राहुल द्विवेदी द्वारा अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी झूमने पर मजबूर कर दिया।कथा परीक्षित श्री मती सुमित्रा जिकड़ी यादव के साथ शिवमंगल यादव, बोड़ीलाल यादव शिवपूजन यादव , श्याम बिहारी यादव, बबलू यादव, श्रीकांत तिवारी, कुलदीप त्रिपाठी (पत्रकार) रणधीर यादव (फौजी साहब) आदि श्रोतागण मौजूद रहे। 


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