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Sunday, February 2, 2025

स्कूली बच्चों को किया आर्द्र भूमियों के संरक्षण के प्रति जागरूक

चित्रकूट ब्यूरो, सुखेन्द्र अग्रहरि  : प्रभागीय वनाधिकारी व उपनिदेशक रानीपुर टाईगर रिजर्व की अध्यक्षता में विश्व आर्द्र भूमि दिवस के उपलक्ष्य में गुन्ता बांध रैपुरा रेंज के अर्न्तगत बर्डं वाचिंग कार्यक्रम मनाया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों को आर्द्र भूमि का महत्व बताते हुए इनके संरक्षण पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में प्रभागीय वनाधिकारी व उपनिदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व प्रत्यूष कुमार कटियार ने उपस्थित स्कूली बच्चों से कहा कि आर्द्र भूमि के महत्व एवं संरक्षण के प्रति जन जागरूकता को बढावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष दो फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस मनाया जाता है। आर्द्र भूमि को आमतौर पर दलदल और नमी वाले क्षेत्रों के रूप में परिभाषित किया जाता है। बताया कि जलमग्न भूमि, झील, तालाब आदि सभी आर्द्र भूमियों के ही रूप है। कहा कि पर्यावरण एवं


मानव जीवन में आर्द्र भूमियों की बेहद अहम भूमिका है। आर्द्र भूमियों में पौधों एवं जन्तुओं की समृद्ध जैव विविधता पायी जाती है, जिससे सैकड़ो प्रजातियों जैसे पक्षी, सरीसृप आदि जीवों को आहार एवं आवास मिलता है। क्षेत्रीय वनाधिकारी रैपुरा रेंज अपूर्व श्रीवास्तव ने कहा कि आर्द्र भूमि वातावरण से अत्यधिक कार्बन को संचित करती है तथा भूजल स्तर में वृद्वि करती है। इसके साथ ही आद्र भूमि वर्षा के पानी का संग्रहण भी करती है। जिला परियोजना अधिकारी गोपाल कृष्ण गुप्ता ने कहा कि शहरीकरण, प्रदूषण और औद्योगिकरण से आर्द्र भूमियों का क्षेत्रफल घट रहा है। अतः सभी को इनके संरक्षण पर जोर देने की आवश्यकता है। इस मौके पर स्कूली बच्चों सहित सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। इसी क्रम में मानिकपुर प्रथम, द्वितीय तथा मारकुण्डी प्रथम, द्वितीय रेंज और बंरगढ, कर्वी रेंज में आर्द्र भूमि दिवस मनाया गया।


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