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Monday, February 17, 2025

नई शिक्षा नीति का आधार है डिजिटल साक्षरता- विनय कुमार सिंह

देवेश प्रताप सिंह राठौर 

उत्तर प्रदेश झांसी स्वयं कोर्सेज वैकल्पिक नहीं अनिवार्य हैं

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने चयनित किए हैं 39 स्वयं पाठ्यक्रम

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित स्वयं एवं एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों को लागू करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति का आधार डिजिटल साक्षरता है। स्वयं पाठ्यक्रम वैकल्पिक नहीं अनिवार्य है। स्वयं पाठ्यक्रम भारतीय ज्ञान परंपरा एवं विरासत को आगे बढ़ाते हुए पुनः हमें अपनी जड़ों की ओर लौटने का अवसर प्रदान करते हैं। यह पाठ्यक्रम प्राचीन काल की ऋषि परंपरा का डिजिटल अवतरण है। विश्वविद्यालय ने 39


पाठ्यक्रमों का चयन किया है। प्रत्येक कोर्स 4 क्रेडिट का रहेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर ने कहा कि देश के सभी लोगों को शिक्षित करने का माध्यम है स्वयं। छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ ही डिजिटल साक्षरता के माध्यम से कौशल प्रदान करना है। वर्तमान में समाज के हर छात्र को प्रशिक्षित शिक्षक और गुणवत्तापूर्ण एजुकेशन नहीं मिल पा रही है। स्वयं पाठ्यक्रमों का उद्देश्य इस कमी को पूरा करना है।


विषय विशेषज्ञ के रूप स्वयं एनपीटीईएल की स्थानीय संयोजक एवं  आईआईटी कानपुर की प्रोफेसर अंगना  सेनगुप्ता ने कहा की वर्तमान शिक्षा प्रणाली को जॉब ओरिएंटेड बनाने की आवश्यकता है। स्वयं पाठ्यक्रम स्टूडेंट और इंडस्ट्री एंपलॉयर के बीच सेतु का काम कर रहा है। स्वयं के माध्यम से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की जा सकती है। देश की आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों के शिक्षकों एवं संसाधनों का लाभ अब प्रत्येक छात्र ले सकता है। स्वयं शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत पाठ्यक्रम से लर्निंग आउटपुट एवं लर्निंग आउटपुट से स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अपर्णा राज ने कहा कि स्वयं के माध्यम से भौगोलिक दूरी समाप्त हो गई है। शिक्षा के डिजिटल अवतरण से छात्रों के लिए कौशल आधारित स्वयं पाठ्यक्रमों का नया संसार खुल गया है।  बुंदेलखंड विश्वविद्यालय भी नेक ए प्लस प्लस के बाद अब स्वयं पाठ्यक्रमों को शामिल करने जा रहा है। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर अवनीश कुमार ने अपने स्वागत उद्बोधन में स्वयं पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय के कुशल निर्देशन में विश्वविद्यालय की टीम पिछले कई महीनो से स्वयं पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय में कैसे लागू किया जाए इस पर कार्य कर रही है। विद्यार्थियों को प्रत्येक सेमेस्टर में कम से कम एक स्वयं पाठ्यक्रम करना अनिवार्य रहेगा। यह कुल पाठ्यक्रम का कम से कम 20 प्रतिशत होगा। विश्वविद्यालय द्वारा अनेक संकायों के अंतर्गत विभिन्न  स्वयं पाठ्यक्रमों का चयन किया गया है। कार्यशाला में लगभग 450 बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं महाविद्यालय के प्राचार्यो ने सहभागिता की। 

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