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Sunday, February 2, 2025

दो दिन खेत में सिसकता रहा, दोबारा लाठियां बरसाकर की थी अधेड़ की हत्या

अवैध संबंधों के चलते हत्या की घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी ने बयां की घटना

देहात कोतवाली क्षेत्र के चकचटगन गांव में 18 जनवरी को बरामद हुआ था शव

बांदा, के एस दुबे । देहात कोतवाली क्षेत्र के चकचटगन गांव में 18 जनवरी को बरामद हुए शव के मामले का पुलिस ने रविवार को खुलासा कर दिया। अवैध संबंधों के चलते महिला, उसके ससुर और दो साथियों ने मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया था। हत्यारों ने मारपीट कर मृत समझते हुए शव को हाथ पैर बांधकर खेत में फेंक दिया था। दो दिन बाद पहुंचे तो वह जिंदा मिला, इस पर दोबारा सभी लोगों ने बेहरमी से पीटकर उसकी हत्या कर दी और शव को बालू में दफना दिया गया था। पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। थाना कोतवाली देहात क्षेत्र में 18 जनवरी को शव बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस तहकीकात कर रही थी। 15 जनवरी को चकचटन गांव निवासी महिला जानकी पत्नी राजू निषाद ने थाना कोतवाली देहात पर अपने ससुर पुन्ना के गुम होने की सूचना दी थी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करते हुए तलाश शुरू कर दी थी। 18 जनवरी को मृतक पुन्ना का शव केन नदी के पास चकचटगन गांव में बदामद हुआ था। इसके बाद मृतक के पुत्र ने गांव के ही फूलचंद्र व उसके साथियों के विरुद्ध थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए अभियुक्तों की तलाश

पुलिस गिरफ्त में हत्यारोपी।

शुरू कर दी थी। रविवार को देहात कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर हत्यारोपी फूलचन्द्र पुत्र महाबीर निषाद, कैलाश निषाद पुत्र शिवराम निषाद, सविता पत्नी सुशील निषाद, व रानीबाई पत्नी बाबूराम उर्फ बाउवा निषाद निवासीगण चकचटगन को एक्सप्रेस-वे चौराहा दरदा से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मुख्य अभियुक्त फूलचन्द्र ने बताया गया कि मृतक पुन्ना का उसके भतीजे की पत्नी से अवैध सम्बन्ध था। इस बात की जानकारी होने पर उसने अपने साथी कैलाश, सविता व रानीबाई के साथ मिलकर पुन्ना की हत्या की योजना बनाई। 13 जनवरी को पार्टी के बहाने से बुलाया और मारपीट कर अधमरा कर उसके हाथ पैर बांधकर सरसों के खेत में फेक दिया था। दो दिन तक पुन्ना जीवित अवस्था में खेत में ही पड़ा रहा। जब पुन्ना की ज्यादा खोजबीन होने लगी तो चारों अभियुक्त 15 जनवरी की रात को खेत में जाकर देखा तो पुन्ना जिन्दा था, इस पर चारों लोगों ने दोबारा उसे पीटकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को साइकिल पर रखकर को केन नदी के किनारे बालू में दफना दिया। मृतक का मोबाइल और सदरी भी जला दी। अभियुक्तों की निशादेही पर पुलिस ने मृतक के जले हुए मोबाइल फोन के अवशेष व घटना में शामिल साइकिल बरामद की है। गौरतलब हो कि मुख्य अभियुक्त फूलचंद्र को वर्ष 2012 में अपनी पत्नी की हत्या के मामलें में आजीवन कारावास की सजा हुई है। वह वर्तमान में उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर था और अभियुक्त कैलाश पर 2002 में हत्या व 2009 में गैंगस्टर एक्ट का मामला पहले से दर्ज है।


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