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Friday, April 4, 2025

हजरत जलालुद्दीन दादा मियां के उर्स में उमड़े जायरीन

मुझको दो बूंद मोहम्मद का पसीना दे दे......

खागा, फतेहपुर, मो. शमशाद । उर्स-ए-जलालुद्दीन शाह नक्शबंदी रह. खानकाह-ए-इफहामिया नरौली शरीफ में रात को जलसा व दिन में सुबह कुरआन ख्वानी, संदल, गुस्ल, चादर गागर पेश किया गया। शायरों ने नातिया कलाम पेश किए तो मौलाना ने तकरीर की। उर्स हजरत अजमत शफी मियां उर्फ हाशिम हुसैन सिद्दीकी की अगवई में हुआ। हजरत के दोनों साहबजादे हसन मियां और हसनैन मियां ने भी कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और मेहमानों का खास ख्याल रखा। कार्यक्रम का संचालन हाफिज अब्दुर्रहमान फतेहपुरी व आला हजरत इमाम अहमद रजा खां का मशहूर कलाम पढ़ा।

उर्स में नातिया कलाम पेश करते शायर।

मुरीद-ए-खास कवि एवं शायर डॉ. वारिस अंसारी की जारी विज्ञप्ति के अनुसार कुरआन ख्वानी के बाद महफिले मीलाद हुई जिसकी शुरुआत मुफ्ती वसीम मरकजी ने कुरआन की तिलावत से की। मौलाना शादाब रजा ने पढ़ा जिंदगी दी है तो जीने का करीना दे दे, मेरे आका मुझे रहने को मदीना दे दे, क्या करूंगा मैं गुलाब और चमेली लेकर, मुझको दो बूंद मोहम्मद का पसीना दे दे। तकरीर में मौलाना वसीम मरकजी ने वलियों और सूफी संतों की तारीफ बयान की। उन्होंने कहा कि अल्लाह का वली वह है जो खुद भूखा रहकर भी दूसरों को खिलाता है। अल्लाह के वली जात-पात, उच्च-नीच, अमीरी-गरीबी से ऊपर उठकर काम करते हैं और लोगों की सेवा करना उनका खास मकसद होता है। अंत में मोइन लखनवी की कव्वाली के साथ चादर और गागर का गस्त हजरत जलालुद्दीन मियां की बारगाह में पहुंचा। इस अवसर पर डॉक्टर वारिस अंसारी, कवि एवं शायर शिव शरण बंधु हथगामी, मुस्तफा खान, आजाद इफ़हामी कानपुर, शमीम बीजापुर, आसिफ चन्द्रपुर, पप्पू खान चन्द्रपुर, उस्मान कोलकाता, मसूद मुम्बई, अरशद कानपुरी, रफीक मूसानगर, यूनुस छत्तीसगढ़, हबीब अहमद कौशांबी, मो. आसिफ महाराष्ट्र, चमनिस्तान बनारस, ननकू प्रजापति आदि रहे। लंगर-ए-आम अर्थात विशाल भंडारे के साथ उर्स मुबारक संपन्न हुआ।

हजरत सैयद शाह मंगरे बाबा का उर्स 27 को

हथगाम, फतेहपुर। क्षेत्र के मंगरेमऊ का 38 वां सालाना उर्फ मुकद्दस 27 अप्रैल को होगा। इसकी जानकारी उर्स कमेटी के अध्यक्ष महबूब आलम एवं प्रधान मोहम्मद हसन ने दी है। अध्यक्ष ने बताया कि रात नौ बजे से कव्वाली का कार्यक्रम होगा जिसमें बदायूं के नईम साबरी और जौनपुर की गुड़िया परवीन कलाम पेश करेंगे। सुबह दस बजे कुरआन ख्वानी और चार बजे गागर शरीफ होगा। मालूम हो कि रहमत उल्लाह अलैह मंगरेमऊ के उर्स मुबारक में बहुत बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाओं की भीड़ होती है जिसको देखते हुए पुलिस का अच्छा खासा बंदोबस्त रहता है। अकीदतमंद मजार पर चादरें भी चढ़ाते हैं।


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