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Saturday, May 17, 2025

छाया ग्रह राहु- केतु का राशि परिवर्तन 18 मई को

मई माह में धीमे गति से चलने वाले ग्रहो का राशि परिवर्तन हो रहा है जब ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव देश दुनिया पर भी पड़ता है पहले 15  मई से देवगुरु  बृहस्पति वृषभ राशि  से निकलकर मिथुन राशि  में प्रवेश कर चुके है ज्योतिष में बृहस्पति धर्म, ज्ञान, शिक्षा, विवाह, संतान, सुख-सम्पत्ति का कारक ग्रह है  मिथुन में प्रवेश से ही गुरु अतिचारी होंगे जो सामान्य से अधिक गति से चलेंगे और तीन बार अपनी राशि बदलेगा, 19 अक्टूबर को गुरु कर्क में प्रवेश कर लेगा। कर्क राशि में ही ये ग्रह 12 नवंबर से वक्री हो जाएगा। वक्री रहते हुए ही ये ग्रह 3 दिसंबर को राशि बदलकर मिथुन में आ जाएगा गुरु के अतिचारी होना शुभ नहीं है  देश दुनिया पर भी प्रभाव पड़ेगा जो मौसम जलवायु परिवर्तन, अर्थ व्यवस्था में बदलाव, शेयर बाजार में उठा पटक , बेवजह के धार्मिक विवाद, अशान्ति हो सकती है


राहु ग्रह 18 मई को सांयकाल 07 :35 पर  वृहस्पति की राशि मीन से निकलकर शनि की राशि कुम्भ में गोचर करेगा, जबकि केतु बुध की राशि कन्या से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेगा। राहु का गोचर कुंभ में होने से तकनीकी युद्ध और गुप्त साजिशे हो सकती है. राहु जब भी कुंभ राशि में गोचर करता है, तो यह नए प्रकार के युद्ध, जैसे साइबर हमले, तकनीकी जासूसी और सैटेलाइट निगरानी को बढ़ावा देता है. क्योंकि राहु छिपी हुई चीजों का कारक है. इसी कारण इसे छाया ग्रह भी कहा गया है. केतु जब सिंह राशि में आता है तो सत्ता की परीक्षा लेता है. सत्ता प्रमुखो को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. अशुभ बृहस्पति की शन्ति के लिये गुरू ग्रह के मंत्रो का जप, गाय, मन्दिर और गुरू की सेवा और गुरू ग्रह की वस्तुओं धार्मिक पुस्तके ,चने की दाल, केला आदि  का दान करना चाहिये। भगवान शिव, देवी दुर्गा और भगवान विष्णु  की  उपासना से भी ग्रहों के बुरे प्रभाव नहीं मिलते है। राहु केतु के अशुभ प्रभाव के लिए  राहु केतु के मंत्रो का जाप करना, आठ मुखी, नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना, भगवन शिव और माता दुर्गा की उपासना करना, तीरथ यात्रा करना, मछली को आटे की गोली ,पक्षी को दाना,  कुत्तो को रोटी डालना चाहिए।

राहु केतु ग्रहो के राशि परिवर्तन का राशियों पर प्रभाव -

मेष -  लाभ, आकांक्षाओं अचानक लाभ और नेटवर्किंग के लिए अनुकूल रहेगा। प्रभावशाली मित्रों से सहयोग मिल सकता है, लेकिन कुछ मित्र आपको धोखा भी दे सकते हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी,

वृषभ - करियर, प्रतिष्ठा और कार्य क्षेत्र, करियर में बड़े बदलाव ला सकता है, स्थानांतरण या विदेश में काम करने के अवसर। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संबंधों को सावधानी रखे । सफलता के लिए कड़ी मेहनत और सही निर्णय जरूरी होंगे।

मिथुन -  भाग्य, धर्म, यात्रा और उच्च शिक्षा से जुड़े मामलों को प्रभावित करेगा। धार्मिक या आध्यात्मिक विचारों में बदलाव संभव है। विदेश यात्रा के प्रबल योग हैं।

कर्क -  रहस्य, जोखिम, दुर्घटना से सावधान और गुप्त ज्ञान , गहन शोध, आध्यात्मिक खोज हेतु उपयोगी, मानसिक अस्थिरता, छुपे हुए भय और अज्ञात परेशानियां हो सकती है । संपत्ति से जुड़े मामलों में परेशानी हो सकती है।

सिंह - वैवाहिक जीवन में उलझन, तनाव या दूरियां संभव हैं। व्यापारिक साझेदारों से मतभेद हो सकते हैं। कुछ जातकों को विदेशी जीवनसाथी या असामान्य संबंधों का अनुभव हो सकता है।

कन्या -  शत्रुओं और ऋणों से छुटकारा,  छुपे हुए शत्रुओं पर विजय, प्रतियोगिता में सफलता मिल सकती है। स्वास्थ्य संबंधी और पाचन से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। पैसे लेते या उधार देते समय सावधानी बरतें।

तुला - प्रेम संबंधों, संतान और रचनात्मकता प्रभावित होगी । प्रेम जीवन में आकर्षण और भ्रम दोनों हो सकते हैं। संतान के व्यवहार में अचानक परिवर्तन या शिक्षा में बाधा संभव है। रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोगों की उन्नति होगी।

वृश्चिक- घर, माता, संपत्ति और सुख पर प्रभाव । परिवार में तनाव, स्थान परिवर्तन और मानसिक अशांति हो सकती है। वाहन या संपत्ति खरीदने में सावधानी बरते । माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है। इस समय मानसिक संतुलन बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण होगा।

धनु-  साहस में वृद्धि, छोटे भाई-बहन सम्बन्धो में उतार चढ़ाव, यात्राये हो सकती है । आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। संचार, मीडिया, लेखन और तकनीकी क्षेत्रों में काम करने वालो के लिए यह अच्छा समय है।

मकर- धन, वाणी और पारिवारिक संबंध प्रभावित होंगे । अचानक धन लाभ या हानि । वाणी में तीखापन और झूठ बोलने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। खान-पान में अनियमितता स्वास्थ्य को प्रभावित करेगी।

कुंभ- आपके व्यक्तित्व और आत्मविश्वास में अस्थिरता ला सकता है। खुद को लेकर भ्रमित हो सकते हैं और आपकी छवि प्रभावित हो सकती है।  यह समय आत्मनिरीक्षण और मानसिक परिपक्वता के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

मीन- हानि, व्यय, विदेशी भूमि और मोक्ष प्रभावित होगा । मानसिक बेचैनी, नींद की कमी और अनावश्यक व्यय । विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। छिपे हुए शत्रुओं से सावधान रहना जरूरी है। ध्यान और एकांत की ओर झुकाव रहेगा आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग भी हो सकता है।

- ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ

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