वायरल वीडियो या सुनियोजित साजिश?
ट्रक-चालान के बीच दलाल
एआरटीओ का जोरदार पलटवार
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया के गलियारों तक इन दिनों एक वीडियो ने तहलका मचा रखा है। वीडियो में एक व्यक्ति खुलेआम यह आरोप लगाता है कि एआरटीओ ने उससे 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। जब उसने 15 हजार की सेवा राशि देने से इनकार किया, तो बदले में उसकी गाड़ी का 15 हजार रुपये का चालान काट दिया गया। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, पूरा जिला इस मुद्दे पर खिचड़ी की तरह खौलने लगा- हर गली, हर नुक्कड़ पर चर्चा गर्म हो गई। मगर पत्रकारिता का उसूल कहता है जनाब- आधा सच, पूरा झूठ होता है। और जब एआरटीओ का पक्ष सामने आया, तो कहानी की शक्ल ही बदल गई।
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| समाजसेवी संजय राणा |
एआरटीओ ने बड़ी सादगी मगर साफगोई से बताया कि सारे आरोप कोरी कपोल-कल्पना हैं, एक साजिश के तहत उनकी छवि को दागदार करने की कोशिश की जा रही है। स्पष्ट किया कि संबंधित गाड़ी- जिसका नंबर यूपी 96एच 8962 है- का चालान वाकई किया गया था, लेकिन वो चालान 15 हजार का नहीं, बल्कि केवल 8 हजार रुपये का था। और वजहें भी किसी आम चालान जैसी नहीं थीं। गाड़ी पर हेलमेट नहीं था, नंबर प्लेट न केवल गैरकानूनी थी बल्कि उस पर जातिवादी शब्दों का प्रयोग भी किया गया था, और बीमा तक नहीं कराया गया था। कहने का मतलब- ऊपर से सजी हुई थाली, पर अंदर से जहर।
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| एआरटीओ ने जारी की बिना नियमों के बाइक चलाते आरोपी |
एआरटीओ ने सवाल भी उठाया कि जब चालान 4 मार्च को हुआ था, तो अब- 8 मई को विरोध क्यों? उन्होंने तल्ख लहजे में बताया कि कुछ दलाल किस्म के लोग उन पर लोडेड ट्रक को बिना जांच छोड़े जाने का दबाव बना रहे थे, मगर जब उन्होंने नियमों की लकीर को सीधा रखा, तो वही लोग अब भेड़ की खाल में भेड़िए बनकर सामने आ गए हैं। कहा कि यह पूरी मुहिम एक सुव्यवस्थित साजिश है, जिसमें जातिवादी मानसिकता के कुछ तत्व व स्थानीय दलालों का गठजोड़ उनकी छवि को मिट्टी में मिलाने पर आमादा है। दो टूक कहा कि मैं झुकेगा नहीं। साजिशकर्ताओं को नोटिस भेजकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
समाजसेवी की चौंकाने वाली बात
स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी संजय राणा ने इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कुछ दलाल प्रवृत्ति के लोगों ने उन्हें भी एक भारी ट्रक को बिना जांच छोड़वाने के लिए उकसाया था। संजय राणा ने ऐसे तत्वों को कानून.व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
खबरों की आड़ में कमाई का धंधा- संजय सिंह राणा
दलालों पर खोली पोल
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले में परिवहन विभाग के आसपास अब एक गहरी साजिश की परतें खुलने लगी हैं। मामला केवल चालान या वायरल वीडियो तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह उन ताकतों के इशारे पर चल रहा है जो व्यवस्था में दलाली और दबाव की दीमक बन चुकी हैं। समाजसेवी व वरिष्ठ पत्रकार संजय राणा ने खुलासा करते हुए बताया कि कुछ दलाल प्रवृत्ति के लोगों ने उनसे भी संपर्क कर एक ट्रक को विभागीय प्रक्रिया से हटाकर छुडवाने की मांग की थी। उन्होंने ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। बड़ा सवाल है कि परिवहन कार्यालय में अब तथाकथित पत्रकारों का एक नया वर्ग सक्रिय हो चुका है, जो पत्रकारिता की आड़ में निजी हित साधने की फिराक में रहता है। ये लोग अफसरों पर अपने चहेतों के लाइसेंस, फिटनेस और परमिट संबंधी कार्यों के लिए नियमविरोधी दबाव बनाते हैं। जब अधिकारी शासन की नियमावली के अनुसार कार्य करते हैं, तो यही लोग सोशल मीडिया पर विभाग को भ्रष्ट और जनविरोधी साबित करने लगते हैं। ऐसे तथाकथित लोग कैमरे व माइक की आड़ में अधिकारियों को धमकाकर ये मोटी रकम वसूलने की फिराक में रहते हैं। संजय राणा के अनुसार, यदि ऐसे दलाल पत्रकारों और फर्जी समाजसेवियों पर समय रहते अंकुश न लगाया गया, तो विभाग की ईमानदार छवि और शासन की साख दोनों मिट्टी में मिल सकती हैं।



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