रेफर सिस्टम से घोटालों तक
मेडिकल कॉलेज से खाद तक सवालों की झड़ी
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । विधानसभा के तृतीय सत्र 2025 के प्रथम सोमवार को चित्रकूट सदर विधायक अनिल प्रधान ने सदन में जनपद की बदहाल व्यवस्थाओं का विस्तृत चित्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिला अस्पताल अब इलाज के केंद्र नहीं, बल्कि रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं। आकांक्षी जिला चित्रकूट की स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां संयुक्त जिला चिकित्सालय और 200 बेड का मातृत्व एवं शिशु चिकित्सालय विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में केवल रेफर की मशीन बन गया है। मामूली चोट, प्रसव, हड्डी या पेट दर्द- हर स्थिति में मरीजों को 120 किलोमीटर दूर प्रयागराज भेजा जा रहा है, जिससे रास्ते में ही कई जिंदगियां दम तोड़ देती हैं। विधायक ने आईसीयू, पीआईसीयू, सीआईसीयू, एनआईसीयू और एमआरआई जैसी बुनियादी सुविधाओं की अनुपस्थिति पर
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| सदर विधायक अनिल प्रधान |
सवाल उठाए और 2021 में अधिग्रहित भूमि के बावजूद मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति और बजट न मिलने पर चिंता जताई। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित शिक्षकों के कैशलेस उपचार, मुख्यमंत्री राहत कोष की धीमी प्रक्रिया और जिला अस्पतालों में जांच सुविधाओं की कमी भी सदन में उठाई गई। इसके साथ ही लगभग 100 करोड़ रुपये के जिला कोषागार घोटाले का मामला उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई। विधायक ने ऑडिट टीमों, बैंकिंग व्यवस्था और बिचौलियों की भूमिका की जांच पर जोर दिया। खाद संकट, सहकारी समितियों में कथित पक्षपात, बंद पड़ी पंप कैनालें और सिंचाई व्यवस्था की बदहाली भी चर्चा में रही। अंत में महुवागांव में इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण की याचिका प्रस्तुत कर विधायक ने क्षेत्रीय विकास का मुद्दा भी सदन के समक्ष रखा।
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