बांदा, के एस दुबे - पैलानी तहसील क्षेत्र के खपटिहा गांव की स्थाई गौशाला में एक मृत गौवंश को कुत्ते नोच-नोचकर खा रहे हैं। यह घटना तब हुई जब गौशाला में 3 केयरटेकर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
गौशाला की अव्यवस्था
गौशाला में मृत गौवंश की स्थिति से पता चलता है कि यहां की व्यवस्थाएं कितनी खराब हैं। गौशाला में साफ-सफाई की कमी और केयरटेकरों की लापरवाही के कारण गौवंश की मौत हुई है। बताया गया कि इस गौशाला में जो पशु निरुद्ध अथवा रखे गए है उन्हें भोजन पानी नहीं दिया जाता,नतीजतन अधिकांश गोवंश भूख प्यास से तड़पकर मौत के मुंह में समा रहे है।बताया यह भी गया कि निरुद्ध गोवंश पालन के लिए जो धनराशि सरकार दे रही है उसे पशु
अस्पताल के डॉक्टर,प्रधान व केयरटेकर मिलकर हजम कर रहे है। जिले की गौशालाओं में जो पशु रखे गए है उन सबका यही हाल है। गोवंश चाहे भूखे प्यासे मर जाएं लेकिन जिम्मेदारों की जेबें भरी रहनी चाहिए।इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे अगर जिले की गौशालाओं में गोवंश की हो रही दुर्दशा पर उनसे सवाल किए जाते हैं तो उनका एक ही जवाब होता है ,जब व्यवस्था ही ऐसी है तो वह क्या करें।लेकिन जो लोग भी इस पर लापरवाही करते है इनपर कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है।स्थानीय लोगों का कहना है कि जो लोग जिम्मेदार है उन पर कानूनी कार्रवाई होनी ही चाहिए।


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