प्राथमिक विद्यालय मलूकपुर के शिक्षक ने बच्चों पर किया शोध
एनसीईआरटी ने अपने जर्नल में किया शोध को प्रकाशित
खागा/फतेहपुर, मो. शमशाद । जीएसटी यानी जनरल स्टडी टीचिंग अथवा सामान्य अध्ययन शिक्षण। ऐरायां ब्लॉक के माडल प्राथमिक विद्यालय मलूकपुर के उत्कृष्ट शिक्षक आनन्द कुमार मिश्र ने सामान्य अध्ययन शिक्षण के बल पर ग्रामीण बच्चों में भय, संकोच व सीखने में अरूचि को दूर कर उन्हें आत्मविश्वास, जिज्ञासा व निडरता से भर दिया। नतीजा यह रहा कि इस स्कूल के बच्चे बीते साल मार्च में राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंच गए। यूं तो बेसिक शिक्षा में तैनाती के बाद से ही आनन्द कुमार मिश्र शोधपूर्ण एवं नवाचारी शिक्षा के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने मलूकपुर में तैनाती के बाद इस शोध को गंभीरता से लिया। उन्होंने देखा कि स्कूली बच्चों में भय, संकोच, सीखने में अरूचि व आत्मविश्वास में कमी का प्रतिशत काफी अधिक है। प्रार्थना सभा हो या कक्षा कक्ष, बच्चों में यह डर रहता था कि शिक्षक कहीं उनसे प्रश्न न पूछ लें। डरे सहमे बच्चे सिर नीचा किए दुबके दिखते थे। शिक्षकों से प्रश्न पूछने, अपनी जिज्ञासा को शांत करना और अपना परिचय देना तो दूर की बात थी।
शिक्षक आनंद कुमार मिश्र।
जीएसटी ने बदल दी तस्वीर
आनन्द मिश्र ने प्रार्थना सभा में एक घंटे की जीएसटी क्लास चलाने का शोध शुरू किया। एक प्रश्नावली तैयार की गई जिसमें हिन्दी, गणित, सामान्य विज्ञान, सामान्य ज्ञान और समसामायिकी के करीब दो सौ से अधिक प्रश्न शामिल थे। पहले बच्चों को इन प्रश्नों के बारे में बताया गया, जरूरत पड़ी तो प्रैक्टिकल करके दिखाया गया। धीरे-धीरे बच्चों का साक्षात्कार एवं अवलोकन शुरू किया गया। बच्चों में प्रश्नों का उत्तर देने की होड़ लग गई। भय, संकोच व अल्प आत्मविश्वास जैसी कमियां दूर होने लगीं।
एनसीईआरटी ने अपने जर्नल में किया प्रकाशित
आनन्द मिश्र संभवतः जिले के ऐसे पहले शिक्षक हैं जिनके शोध को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली ने अपने शोध पत्र में सामान्य अध्ययन द्वारा प्राथमिक स्तर के बच्चों में संवाद, समझ एवं सामर्थ्य का विकास शीर्षक से प्रकाशित किया है। दो वर्ष पूर्व नामांकित बच्चों पर हुए शोध को बीते वर्ष एनसीईआरटी ने प्रकाशित किया है। राज्यपाल, प्रदेश के राज्यमंत्री, डीएम, एडी बेसिक समेत कई अधिकारियों ने बच्चों की प्रशंसा की है।
बेटे को भी पढ़ाया अपने स्कूल में
आनन्द मिश्र ने अपने बेटे को भी कक्षा पांच तक अपने ही विद्यालय में पढ़ाया है। बीते शैक्षिक सत्र में वह प्रावि मलूकपुर से कक्षा पांच उत्तीर्ण हुआ है। 2019 से शिक्षकों की बायोमीट्रिक उपस्थिति वाले इस स्कूल में अनेक नवाचारों के चलते बीते सत्रों में छात्र संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
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