अन्ना प्रथा और अन्य मांगों को लेकर सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा
अन्य किसान संगठनों ने भी विभिन्न समस्याओं को लेकर किया धरना-प्रदर्शन
बांदा, के एस दुबे । अन्नदाता की हमदर्द बनने वाली सूबे की सरकार किसानों की सुन नहीं रहीं। उनके लिए बस हवाहवाई दावे ही किए जा रहे हैं। इससे परेशान किसानों ने आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया। शुक्रवार को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालते हुए विरोध प्रदर्शन किया। नाराज किसानों ने सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए। किसानों का कहना है कि उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिए जा रहे हैं, उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।
ट्रैक्टर मार्च निकालते भाकियू के नेता |
शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले जोनल अध्यक्ष बैजनाथ अवस्थी की अगुवाई में किसान अपने ट्रैक्टर ट्राली लेकर शहर के पंडित जेएन डिग्री कालेज में एकत्र हुए और ट्रैक्टरों में सवार होकर ट्रैक्टर मार्च शुरू किया। ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों ने सरकार के विरोध और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। ट्रैक्टर मार्च महाराणा प्रताप चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा और किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में 12 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित मांग पत्र में किसानों ने सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का वायदा पूरा करने, निजी नलकूपों में मीटर लगाने की प्रक्रिया को रोकने, चीनी मिलों पर किसानों का बकाया भुगतान कराने, एमएसपी गारंटी कानून बनाकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, एनजीटी के नियमों में किसानों को ढ़ील देने, फसलों की बुवाई के समय उर्वरक केंद्रों में पूर्ण मात्रा उपलब्ध कराने और किसानों को खाद-बीज व कीटनाशक की सब्सिडी सीधे उपलब्ध कराने, भूमि अधिग्रहण की नीति को किसानों के अनुकूल बनाने और गांवों को उजाड़ने की कीमत पर ग्रामीणों के उत्थान के लिए विशेष योजना बनाने, लखीमपुर कांड के दोषी को कड़ी सजा दिलाने और आरोपी के मंत्री पिता को बर्खास्त करने, किसानों पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लेने, सूखे और बाढ़ की चपेट में आए जनपदों का सर्वे कराकर किसानों की बर्बाद फसलों का मुआवजा दिलाने समेत विभिन्न मांगें प्रमुखता से उठाई हैं। भाकियू के जोनल अध्यक्ष बैजनाथ अवस्थी ने अन्ना प्रथा को बुंदेले किसानों की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि अन्ना पशु किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फेर देते हैं और किसान के सामने भुखमरी की स्थिति में आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता। ऐसे में ग्राम पंचायत स्तर पर परती सरकारी भूमि पर पशुशालाएं स्थापित करने की जरूरत है। गौ आश्रय केंद्रों के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट हो रहा है और किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष कमलनयन पटेल, जिलाध्यक्ष विनोद सिंह तोमर, महिला मोर्चा संरक्षक राजाबाई, जिलाध्यक्ष अनीता सिंह, संदीप सिंह, सुरेंद्र कुमार, मंगल सिंह, रामचंद्र शर्मा, राजपाल यादव, रामभजन, पूजा सिंह, राजा सिंह, कमल यादव, जयराम तिवारी, सत्यराज सिंह, चंद्रशेखर समेत तमाम किसान शामिल रहे। ऐसे ही भाकियू के एक दूसरे गुट के मंडल अध्यक्ष बलराम तिवारी की अगुवाई में किसानों ने ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों को बुलंद किया।
अतर्रा में एसडीएम को ज्ञापन देते किसान नेता
अतर्रा में भी प्रदर्शन, एसडीएम को किसानों ने सौंपा ज्ञापन
बांदा। अन्ना प्रथा पर प्रभावी अंकुश लगाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने अतर्रा तहसील में प्रदर्शन किया और एसडीएम को पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष तिवारी की अगुवाई में अन्ना जानवरों से किसानों की बर्बाद हो रही फसलों की रक्षा करने की मांग बुलंद की। ज्ञापन में कहा है कि अति पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में ज्यादातर लोगों की जीविका का साधन महज किसानी ही है। ऐसे में अन्ना मवेशी उनकी फसल को बर्बाद करके उन्हें भुखमरी की कगार में पहुंचा रहे हैं। किसानों की फसलों की रक्षा करने के लिए अन्ना मवेशियों को गौशालाओं में संरक्षित कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में किसान नेत्री अनूपा सिंह, मोतीलाल द्विवेदी, दया सिंह, प्रशांत दीक्षित, कमलेश त्रिवेदी, मोहित मिश्रा, शशिकरण सिंह आदि शामिल रहे। उधर भाकियू के एक अन्य संगठन के तहसील अध्यक्ष सुशील चौरिहा के नेतृत्व में अन्ना जानवरों पर अंकुश लगाने, डीएपी खाद की पर्याप्त उपलब्धता समेत ग्राम बरछा डंडिया में प्राथमिक विद्यालय की ध्वस्त सड़क का निर्माण कराने की मांग बुलंद की।
No comments:
Post a Comment