अन्ना गोवंशों को पंचायतों द्वारा गौशालाओं में किया जाए संरक्षित
जनपद के अधिकारी-कर्मचारी एक दिन का वेतन करेंगे दान
बांदा, के एस दुबे । कलेक्ट्रेट सभागार में निराश्रित गौवंश संरक्षण संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने की। उन्होंने कहा कि गौवंशो को छुट्टा छोड़ना बहुत बड़ी समस्या है। कोई भी र्ग्रामीण अपने गौवंशो को छुट्टा न छोड़े। अन्ना गौवंशो को पंचायतों द्वारा स्थायी, अस्थायी गौशालाओं में संरक्षित किया जाए। गौवंशो का विभिन्न सार्वजनिक मार्गों पर बैठने व विचरण पर रोक लगाई जाए। क्योंकि अन्ना गौवंशो के संरक्षण के अभाव में अधिकतर दुर्घटनायें होती हैं। अन्ना गौवंशो द्वारा फसलों का नुकसान भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों द्वारा मुनादी कराकर ग्रामीणों को उनके गौवंशो को बांधने के लिए प्रेरित किया जाए। गौवंश न बांधने वाले ग्रामीणों को चिन्हित कर ग्राम पंचायत द्वारा गौवंश न बांधने वाले ग्रामीणों पर अर्थदण्ड लगाना एवं विधिक कार्यवाही की जाए। उन्होंने बताया कि जनपद में पशु आश्रय स्थलों की संख्या 318 है, जिसमें
बैठक को संबोधित करतीं जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल |
स्थायी 18 व अस्थायी 300 पशु आश्रय स्थल है। जनपद में गौवंश संरक्षण समिति गठित है, जिसमें ग्राम प्रधान अध्यक्ष, सम्बन्धित लेखपाल सदस्य, ग्राम सचिव सदस्य/सचिव, र्ग्राम रोजगार सेवक सदस्य तथा 2 प्रगतिशील पशुपालक गणमान्य व्यक्ति सदस्य एवं गॉव का पुलिस चौकीदार सदस्य हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम स्तरीय समिति ग्राम पंचायत में मुनादी कराकर छुट्टा गोवंश को बांधने के लिए ग्रामवासियों को प्रेरित करें तथा उन पशुपालकों को भी चिन्हित करें, जिनके गौवंश छुट्टा हैं। गौवंशो को निराश्रित बेसहारा के रूप में छोडने पर पशुपालकों के विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि गायों का दूध निकालकर उन्हें एवं गौवंश को छोड़ने वाले पशुपालकों का राजस्व विभाग के लेखपाल, चौकीदार एवं ग्राम सचिव द्वारा चिन्हांकन किया जाए तथा पशु के स्वामियों द्वारा पशुओं को निराश्रित/बेसहारा छोड़ने पर पुलिस एक्ट के प्राविधान के अनुसार कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि गौ आश्रय स्थलों में मूलभूत सुविधायें सेड, पानी, चरही, भूसा, हरा चारा, दाना तथा विद्युत प्रकाश व्यवस्था आवश्यक रूप से करायी जाए। ग्राम पंचायत की चारागाह गोचर की भूमि पर चारा उगाया जाए। संरक्षित गौवंशो में टैगिंग तथा अभिलेखीयकरण कराया जाए। उन्होंने कहा कि अभिलेख गौवंश पंजिका, चिकित्सा, टीकाकरण, कृतिम गर्भाधान, बधियाकरण पंजिका, भ्रमण पंजिका, भण्डारण खपत पंजिका आदि आवश्यक रूप से तैयार किया जाए। ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव अपनी ग्राम पंचायत में संचालित गौ आश्रय स्थलों में मूलभूत सुविधायें सुनिश्चित कराते हुए जन सहयोग से गौवंश का संरक्षण कर उनका भरण-पोषण करायेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के सभी अधिकारी-कर्मचारी माह अगस्त के वेतन से एक दिन का वेतन सहयोग स्वरूप दान करेंगे। प्रधान संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी ने सभी प्रधानों की तरफ से गौवंशो का संरक्षण एवं उनके भरण-पोषण में सहयोग के लिए एक माह का मानदेय सहयोग स्वरूप दान करेंगे। जिलाधिकारी ने सभी ग्राम प्रधानों, सचिवों से कहा कि सभी लोग अपने दायित्वों का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं, आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जो मौके मौके पर आने वाली हर परिस्थियों को जिम्मेदारी के साथ निर्वहन किया है। उन्होंने बैठक में अवगत कराया कि जनपद में इस वित्तीय वर्ष में गौवंश संरक्षण के लिए 18 करोड़ 08 लाख रूपये का बजट आवंटित हुआ है, जिससे गौवंशो का प्रत्येक दशा में संरक्षण एवं सुविधायें उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य, सीओ सदर गवेन्द्र गौतम, जिला पंचायत राज अधिकारी अजय आनन्द सरोज, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान, एडीओ पंचायत सहित गौरक्षा समिति के जिलाध्यक्ष महेश प्रजापति एवं अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
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