कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रहा था छात्र का उपचार
जांच के दौरान जिला अस्पताल में दो पाजिटिव मरीज मिले
बांदा, के एस दुबे । मौसमी परिवर्तन अब घातक साबित हो रहा है। वायरल फीवर के बाद डेंगू ने भी अब लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। डेंगू से पीड़ित एक छात्र का कानपुर के रीजेसीं अस्पताल में उपचार किया जा रहा था, वहां उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इधर, सोमवार को जिला अस्पताल में जांच के दौरान दो मरीज डेंगू पीड़ित पाए गए हैं। उनका जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। लापरवाही की बात यह है कि डेंगू पीड़ित मरीजों को जनरल वार्ड में भर्ती किया जा रहा है, जो बहुत ही घातक है।
शहर के अर्दली बाजार कटरा मुहल्ला निवासी स्वास्तिक मिश्रा (15) पुत्र नागेंद्र मिश्र कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। घरवालों ने उसका जिला अस्पताल समेत प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। डाक्टरो ने जांच में उसे डेंगू बताया था। हालत गंभीर होने पर परिजन उसे कानपुर के रीजेंसी अस्पताल ले गए। उसे 4 सितंबर को भर्ती कराया गया था। रविवार की रात उसने दम तोड़ दिया। परिजन शव लेकर घर आ गए। उधर सोमवार को जिला अस्पताल की पैथालाजी में डेंगू के 11 सेंपल लिए गए। इसमें दो लोग पाजिटिव पाए गए। इनमें मंतशा (17) पुत्री मोहम्मद कयूम निवासी खाईंपार, नियाजुद्दीन (35) पुत्र सलाउद्दीन जज कालोनी शामिल हैं। इन दोनो मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया। वहां उनका उपचार किया जा रहा है। इध, मरीजों की संख्या में इजाफा हो जाने के कारण अस्पताल में बेड मरीजों को नहीं मिल पा रहे हैं। मरीजों को बेड प्राप्त करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सीएमएस के द्वारा ट्रामा सेंटर में डलवाए गए अतिरिक्त बेड भी कम पड़ रहे हैं।
मृतक स्वास्तिक मिश्रा (फाइल फोटो)
पैथालाजी में उमड़ी मरीजों की भीड़, हुई नोकझोंक
बांदा। मौसमी वायरल की चपेट में आए मरीजों की भीड़ अस्पताल खुलते ही जमा हो जाती है। पर्चा बनवाने के बाद चिकित्सकों के काउंटर में पहुंचने और डाक्टरों के द्वारा जांचें लिखे जाने पर मरीज पैथालाजी पहुचंते हैं। वहां पर पहले पर्चा काउंटर में पर्चा जमा करना होता है और फिर काउंटर से ही पर्चे के साथ ब्लड कलेक्शन के लिए दो शीशियां दी जाती हैं। सोमवार को 266 मरीजों ने अपने पर्चे जांच कराने के लिए जमा किए। लेकिन अफसोस की बात यह रही कि कई पर्चे गुम हो गए। इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नगर कोतवाली क्षेत्र के तिंदवारा गांव निवासी विवेक मिश्रा सोमवार को शुगर की जांच कराने के लिए ब्लड सेंपल देने गए थे। उन्होंने अपना पर्चा काउंटर में जमा किया और दो घंटे तक लाइन में लगे रहे। लेकिन बाद में पर्चा काउंटर के कर्मचारियों ने कहा कि उनका पर्चा खो गया है। इसके चलते बिना जांच कराए ही मरीज को वापस जाना पड़ा। इनके अलावा अन्य मरीजों के पर्चे भी गुम हुए तो जमकर नोकझोंक हुई।
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