तीन दिवसीय प्रशिक्षण में 30 किसानों ने किया प्रतिभाग
बांदा, के एस दुबे । कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में कृषकों तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें औषधीय एवं सगधं फसल उत्पादन के बारे में किसानों को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण में 30 किसानों ने प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में किसानों को औषधीय एवं सगधं फसलों की नवीनतम उत्पादन तकनीकों के बारे में जानकारी दी गयी। अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (औषधीय एवं सगधं फसल) के अन्र्तगत आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डा. एसी मिश्र ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डा. एसी मिश्र ने उपस्थित किसानों को औषधीय एवं सगधं फसलों के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। किसानों को सिचाई के लिए जल का उचित प्रबन्धन करने का सुझाव दिया जिससे कि उत्पादन भी बढ़े एवं पानी की बर्बादी भी न हो। कार्यक्रम के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार सिंह ने तुलसी एवं अश्वगंधा की वैज्ञानिक खेती के बारे में किसानों को अवगत कराया। कार्यक्रम के समन्वयक एवं सहायक प्राध्यापक डा. राकेश कुमार, ने
प्रशिक्षण के दौरान फसल के समक्ष मौजूद किसान |
लेमन ग्रास एवं खस घास की उन्नत खेती एवं इसे बनने वाले उत्पादों के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया। डा. अमित कन्नौजिया, सहायक प्राध्यापक ने औषधीय एवं सगधं फसलो द्वारा कृषि विविधीकरण एवं बुन्देलखण्ड में एलोवेरा की वैज्ञानिक पद्धति द्वारा खेती के बारे में बताया। डा. देव कुमार सहायक प्राध्यापक, ने औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के लिए मृदा की जानकारी दी। डा. प्रिया अवस्थी प्राध्यापक, ने औषधीय एवं संगध फसलों का मूल्य सवर्धन पर जानकारी दी। डा. आशुतोष राय ने सगंधीय पौधों से तेल निकालने की विधि के बारे में विस्तृत रूप से किसानों को जानकारी दी, ताकि किसान इन फसलों की खेती से लाभान्वित हो सके। कार्यक्रम के अंत में सभी किसानों को कम्पोस्ट, तुलसी बीज इत्यादि की किट वितरित की गई। कार्यक्रम में उद्यान महाविद्यालय के डीन डा. एसवी द्विवेदी, डा. अजय कुमार सिंह प्राध्यापक, डा. अमित कनौजिया, सहायक प्राध्यापक, डा. राकेश कुमार, सहायक प्राध्यापक, डा. सुनील कुमार सहायक प्राध्यापक, आदि उपस्थित रहे।
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