भूख व प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त कर मांगी अमन-चैन की दुआ
फतेहपुर, मो. शमशाद । रमजान का रोजा बड़ों के साथ-साथ मासूम बच्चे भी रख रहे हैं। जहां एक ओर सूरज की तपिश से दिन भर गला सूख जाता है, पानी पीने के बाद भी प्यास की शिद्दत बनी रहती है। दूसरी ओर अल्लाह को राजी करने के लिए छोटे बच्चे भी रमजान का रोजा रख रहे हैं। कुछ बच्चों ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा। उन्ही में से खलीलनगर के रहने वाले समाजसेवी सैयद मोहम्मद नौशाद की नौ वर्षीय पुत्री इल्मा रिजवी ने धूप व गर्मी
रोजदार इल्मा रिजवी। |
से बेपरवाह प्यास की शिद्दत को सब्र करते हुए रोजा रखा। अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त कर रोजा रखा और देश में अमन चैन की दुआ मांगी। इलमा रिजवी ने कहा कि रमजान में रोजा रखकर इबादत करने का सवाब बहुत ज्यादा है। इसलिए माह-ए-रमजान की कद्र करती हूं।
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