गरीबों को जकात जरूर अदा करें हैसियतमंद मुसलमान
फतेहपुर, मो. शमशाद । रमजान का आखरी अशरा शुरू हो गया है। इस नेजात के अशरे में खूब इबादत करें और अल्लाह तआला से मगफिरत की दुआएं मांगे। यह बात काजी शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कही। उन्होने कहा कि इस नेजात वाले अशरे में भी जो बंदा अपने गुनाहों की माफी न करा पाए उससे बदनसीब बंदा कोई नहीं हो सकता। अल्लाह तआला इस मुबारक आखरी अशरे में रोजदार बंदे की इबादत से खुश होकर उसके गुनाहों को माफ कर देता हैं। हैसियतमंद मुसलमानों को चाहिए कि वह गरीबों को जकात जरूर अदा करें। जिस तरह से रोजा रखकर इंसान की रूह पाक-साफ हो जाती है उसी तरह जकात देने से उस व्यक्ति का. माल भी पाक-साफ हो जाता है। इस मुबारक महीने में खूब इबादत करें। पता नहीं अगले साल उसे यह मुबारक महीना नसीब भी हो या
काजी शहर फरीद उद्दीन। |
नहीं। अल्लाह तआला ने इसी अशरे में शब-ए-कद्र रात बनाकर अपने बंदो पर बहुत बड़ा एहसान किया है। इन फजीलत वाली रातों में इबादत कर इंसान दीनी और दुनियावी जिन्दगी में कामयाब होने के रास्ते पर बढ़ता है। शहरकाजी ने कहा कि अपने ईद की खुशियों के साथ यतीमों का भी ख्याल रखें। वरना आपकी खुशी बेकार है। उन्होने कहा कि अगर आपके पड़ोस में यतीम बच्चे हैं तो ईद के दिन उनका पूरा ख्याल रखें ताकि उन्हें अपने यतीम होने का गम न रहे। तभी आपसे अल्लाह तआला राजी होगा और हजरत मोहम्मद साहब भी राजी होंगे। आपका फरमान है कि सबसे पहला हक आपके पड़ोसी का है और आपका पड़ोसी आपसे नाराज है तो समझो कि आप से अल्लाह तआला भी नाराज हैं। शहरकाजी ने आने वाले ईदुल फित्र के त्योहार को आपसी भाईचारे के साथ मिल-जुलकर मनाने की आवाम से अपील की है।
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