कानपुर, प्रदीप शर्मा - विस्तार इकाई, सुगन्ध एवं सुरस विकास केंद्र, कानपुर द्वारा वाराणसी के बसनी, बड़ा गॉव स्थित साई इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवेलपमेंट में आयोजित सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती प्रसंस्करण एवं विपरण पर चौधरी चरण सिंह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग जयपुर द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार को सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन एनआईएएम चौधरी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ.सत्ताराम सिंह ने मार्केटिंग करने के तरीको और आधुनिक मार्केटिंग की विशेष कर ई मार्केटिंग के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ.सत्ताराम सिंह तथा उनकी पत्नी वीरता सिंह को इस कार्यक्रम में सहयोग व प्रेरणा देने के लिए अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान करके सम्मनित किया गया। कृषि
मंत्रालय, भारत सरकार के मार्केटिंग ऑफिसर डॉ. हरीश भारतीय ने कृषि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं, सूक्ष्म, लघु मध्यम एवं उद्यम विकास कार्यालय वाराणसी के सहायक निदेशक आर.के.चौधरी ने भारत सरकार के सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं तथा विशेष कर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले 46 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गए।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पिंडरा, वाराणसी के विधायक अवधेश सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर सही ढंग से किया गया कोई कार्य हमेशा सही होता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में औषधीय व सुगन्धित पौधों और इससे बने उत्पाद की पूरी दुनिया मे डिमांड बढ़ी है। अब समय है जिसकी डिमांड हो उसी को करके ज्यादा मुनाफा कमाना चाहिए। उन्होंने युवाओं की और इशारा करते हुए कहा कि रोजगार के लिए भटकना नही चाहिए रोजगार देने वाला बनाना चाहिए।डॉ.भक्ति विजय शुक्ला ने तीन दिवसीय कार्यक्रम मे हुए कार्यो एवं प्रशिक्षण की चर्चा की । आर.के.त्रिपाठी ने बरौर में किये जा रहे लेमनग्रास की खेती और इसमे सरकारी अनुदान के बारे में बतलाया।
No comments:
Post a Comment