चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। माकपा सचिव मंडल के सदस्य का राजाराम ने परसौंजा गांव में किसानों के बीच जिस केन्द्रीय बजट की तारीफ में गोदी मीडिया का एक बड़ा हिस्सा जो खबरें न दिखाकर सिर्फ और सिर्फ विज्ञापन दिखाता है, तारीफों के रात-दिन पुल बांध रहा है। अंधभक्तो की भीड़ जगह जगह जहर फैला रहे हैं कि हकीकत जानने को पिछले बजट से जो इसी सरकार ने पेश किया था तुलनात्मक अध्ययन कीजिए, तस्वीरें स्वतः साफ हो जाएंगी।
शुक्रवार को माकपा सचिव मंडल सदस्य का राजाराम ने जिले के परसौंजा गांव में किसानों के बीच मोदी सरकार के बजट की हकीकत बताई। कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को पिछले साल और इस साल के बजट के कुछ आंकड़े खुद बता रहे हैं कि बजट पूंजीपतियों के हित को ध्यान में रखकर तथा मजदूर, किसान, नौजवान विरोधी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मनरेगा का पिछले साल का आवंटन 89000 करोड़ रुपए था। जो वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए सिर्फ 60000 करोड़ रुपए है। ग्रामीण विकास क्षेत्र में कृषि बजट 124000 करोड़ से घटाकर 115531 करोड़, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पिछले साल 15550 करोड़ रुपए से घटाकर इस वर्ष सिर्फ 13625 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। फर्टिलाइजर सब्सिडी पिछले साल 225000 करोड़ रुपए थी। जो इस वर्ष घटाकर 175000 करोड़ रुपए कर दी गई। अर्थात 50000 करोड़ रुपए की कटौती होगी। इसका मतलब है कि रासायनिक खाद के दाम में भारी-भरकम बढ़ोत्तरी होगी। कामरेड ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 10433 करोड़ से घटाकर 7150 करोड़, ग्रामीण रोजगार के लिए 153525 करोड़ से घटाकर इस वर्ष 101174 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। किसान सम्मान निधि में 60000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जबकि वास्तविक जरूरत 72000 करोड़ रुपए होगी। इसी प्रकार-प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में पिछले वर्ष के अनुमान 21954 करोड़ रुपए से घटाकर इस वर्ष 10787 करोड़ रुपए ही आवंटित किए गए। उन्होंने साथियों से कहा कि केन्द्रीय सरकार के इस अन्याय पूर्ण बजट के खिलाफ केन्द्रीय कमेटी के आवाहन पर 22 से 28 फरवरी तक पूरे एक सप्ताह गांव-गांव बैठक करके जनता को बजट की हकीकत बनाने का निर्णय माकपा जिला कमेटी ने लिया है। गांव-गांव किसान-मजदूर गोष्ठी कर अन्तिम दिन 28 फरवरी को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर अन्याय पूर्ण आवंटन को वापस लेने की मांग करेंगे।


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