मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या....... - Amja Bharat

Amja Bharat

All Media and Journalist Association

Breaking

Saturday, February 25, 2023

मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या.......

देवेश प्रताप सिंह राठौर 

(वरिष्ठ पत्रकार) 

प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड  के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई। उत्तर प्रदेश की सरकार को चाहिए जिस तरह से वर्ष 2005 में राजू पाल के हत्या हुई थी उसके मुख्य गवाह उमेश पाल कि जिस तरह हत्या की गई ऐसे लोगों को सरकार चुन-चुन कर  सजा दे ,डर नाम की चीज नहीं रह गई उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार है उसके बावजूद भी इन माफियाओं गुंडों की इतनी हिम्मत की सरेआम उमेश पाल की हत्या कर दी सरकार को चाहिए दोषी लोगों को जड़ से नष्ट करने का काम करें ऐसे लोग सर उठा कर अपराध करने से पहले सोचे  डरने लगे इस तरह सजाएं  मिलनी चाहिए  दोषियों को छोड़े नहीं क्योंकि हत्या किसी की भी हो हत्या हत्या होती है जब हत्या कोई करता है माफिया हो बाहुबली हो या कोई हो उसे आज की सरकार द्वारा दंड प्राप्त होगा, योगी जी की सरकार दोषियों को बख्शा  नहीं जायेगा मिट्टी में मिलाने का काम उत्तर प्रदेश की


सरकार करेगी,  प्रदेश की जनता को पूरा भरोसा है दोषी बच नहीं पाएंगे किसी हालत में,।  धूमनगंज थानाक्षेत्र में उमेश पाल के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने बम और गोली से उन पर हमला किया। उसके अनुसार इस हमले में उमेश पाल के अलावा उनके दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए। शुक्रवार को ही इस मामले की अंतिम बहस चल रही थी। दिनदहाडे़ हुए इस हमले ने आज से 18 साल पहले की वह घटना याद दिला दी जब बसपा विधायक राजू पाल को घेर कर उनके शरीर को छलनी कर दिया गया था। उसी मामले में बाहुबली नेता अ‍तीक अहमद  पर केस चल रहा था।25 जनवरी 2005 को राजू पाल अपनी समर्थकों के साथ स्‍वरूप रानी अस्‍पताल से वापस आ रहे थे। वह क्‍वालिस गाड़ी में थे। यह कार वह खुद चला रहे थे। उनके साथ आगे उनके मित्र की पत्‍नी रुखसाना बैठी थीं जो रास्‍ते में मिली थीं। पीछे की सीट पर संदीप यादव और देवीलाल बैठे थे। राजू पाल के पीछे स्‍कॉर्पियो चल रही थी उसमें उनके कुछ और सहयोगी थे।

सुलेम सराय मोहल्‍ले में अमितदीप मोटर्स के सामने राजू की कार के सामने एक कार अड़ गई। जब तक राजू समझ पाते उसमें से 5 हथियारबंद हमलावर निकले और गोलियों की बौछार कर दी। तीन लोगों ने राजू की कार पर और दो लोगों ने पीछे स्‍कॉर्पियो पर गोलियां बरसाईं।दिनदहाडे़ अंधाधुंध फायरिंग से हड़कंप मच गया। हमलावर हमला करके फरार हो गए। राजू पाल का शरीर गोलियों से छलनी हो गया था। उनके शव से 19 गोलियां निकली थीं। कई गोलियां सीने के पार हुई, इसलिए मौके पर ही मौत हो गई। उनके साथ बैठे संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए। बाकी लोग गंभीर रूप से घायल हुए।

इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई राजू पाल की पत्‍नी पूजा पाल ने। हत्‍या से महज 10 दिन पहले ही राजू और पूजा की शादी हुई थी। राजू पाल की पत्नी पूजा ने उस समय के सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ के अलावा तीन दूसरे लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था। इस हत्याकांड के पीछे वजह यह थी कि सांसद बनने से पहले अतीक अहमद शहर पश्चिम से विधायक हुआ करता था। जब वह सांसद बना तो सीट खाली हो गई। सीट उसी के पास रहे इसलिए उसने अपने भाई अशरफ को चुनाव में खड़ा किया लेकिन राजू पाल ने बसपा के टिकट पर अशरफ को हरा दिया। साल 2004 में हुए इस चुनाव का बदला ही 2005 में लिया गया। इसी मामले में उमेश पाल मुख्‍य गवाह थे। लेकिन 24 फरवरी को उनकी भी उसी अंदाज में हत्‍या कर दी गई। उत्तर प्रदेश में बिल्कुल शांति व्यवस्था कायम थी प्रयागराज के उमेश पाल के कांड ने थोड़ा विचलित किया है सरकार इस हत्याकांड का पर्दाफाश करके ऐसा सबक सिखाएगी आने वाली नस्लें जुर्म करने से पहले सौ बार सोचेंगे।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages