चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरी : विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर डीएफओ पी के त्रिपाठी ने जनमानस से अपील की है कि वनों में ही वन्य जीवो का वास होता है और इधर गर्मी का मौसम सन्निकट है। स्थानीय ग्राम वासियों द्वारा महुआ फूल एकत्र करने तथा पशुचराने के दौरान असावधानी के कारण वनों में आग लगने का अंदेशा रहता है। लोगों द्वारा सुलगते हुए सिगरेट, बीड़ी के टुकड़े फेंकने व अन्य कारणों से असावधानीवश वनों में व जनपद में रोपित किए गए पेड़- पौधों व वन्यजीवो की क्षति की संभावना बनी रहती है। साथ ही सरकार द्वारा रोक के बावजूद लोगों द्वारा खेतों में पराली जलाने से वनों में आग लग सकती है तथा खेतों में किसानों के मित्र कीट भी मर जाते हैं व भूमि की मृदा भी
प्रभावित होती है। वनों को आग से बचाने के लिए लोग अग्निशमन विभाग के नंबर 101 पर व स्थानीय स्तर पर वन विभाग के जंगलों व वन विभाग द्वारा रोपित पौधों मे आग लगने पर मौके पर आग बुझाने में सहयोग करते हुए क्षेत्रीय स्तर पर क्षेत्रीय वन अधिकारी से संपर्क स्थापित करने व अग्नि की सूचना देने की अपील की है। इससे वनो के प्राकृतिकवास में रह रहे वन्यजीवो के साथ-साथ पर्यावरणीय संरक्षण में लोगों का सहयोग प्राप्त हो सके। वन्यजीवो की सुरक्षा व पर्यावरणीय संरक्षण सभी का पुनीत व संवैधानिक कर्तव्य है।


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