भारत सरकार व राज्य सरकार की है महत्वाकांक्षी योजना
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। जल जीवन मिशन योजना के तहत अतरसुई गांव के पास सिलौटा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने औचक निरीक्षण कर सीएलएफ, फिल्टर हाउस, केमिकल हाउस, फिल्टर मीडिया, इनलेट, स्विचऑर्ड, पंप हाउस, फ्लोरिन बिल्डिंग, सीडब्ल्यू, ट्रांसफॉर्मर डीजी, कैस्केड एयरटेर आदि के कार्यों को देखा। बैठक कर चांदीबागर में बन रहे इंटकवेल, अप्रोच रोड, फिल्टर मीडिया आदि बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की। मंगलवार को जिलाधिकारी ने एलएनटी प्रोजेक्ट मैनेजर से कहा कि यह योजना भारत सरकार व राज्य सरकार की योजना है। इसमें मैन पावर बढ़ाकर तेजी से कार्य करायें। जिन गांव में पानी जा रहा है, उन गांवों मे नियमित पानी जाना चाहिए। कोई घर कनेक्शन से न छूटे। कहा कि सीडब्ल्यूआर जितने हैं उसमें पंप स्टाल जल्द से जल्द कराएं। जो विद्युत कार्य एवं अन्य छोटे कार्य छूटे हैं, उसे तत्काल मैन पावर बढ़ाकर कराएं।
जिलाधिकारी ने कहा कि जो एनएच से संबंधित समस्याएं आ रही हैं, तालमेल बनाकर निस्तारण कराएं। स्कूल, आगनबाडी, पंचायत भवन, सब सेंटर जहां पर है वहां भी कनेक्शन दिया जाए। उन्होंने ग्राम पंचायत बरुआ विकासखंड रामनगर में पाइप लाइन कनेक्शन से दिए जा रहे पानी को देखा। कोई घर कनेक्शन से न छूटे। इस मौके पर प्रधान पति मुंशीलाल गुप्ता समेत ग्रामवासियों में खुशी की लहर थी। ग्राम पंचायत बरुआ में ही आईएसए टीम (सविता देवी, फरीना, श्वेता, कमला देवी, रंजना मिश्रा, रक्षा देवी) ने आरसेनिक, पीएच, फ्लोराइड आदि के परीक्षण को देखा। प्रतिदिन हर गांव में जाकर पानी की टेस्टिंग करते रहें।
ज्ञात है कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में तीन बड़ी प्रमुख परियोजनाओं में सिलौटा एक है। जो 77 गांवो को जल पहुंचाने को बनाई जा रही है। इस परियोजना में इंटेकवेल यमुना नदी पर बन रहा है, जबकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अतरसुई गांव के पास जो कि 11 किमी दूर बन रहा है। जल जीवन मिशन भारत सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। जिसे पूर्ण करना सभी की प्राथमिकता में है। प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि सभी कंपोनेंट पर कार्य दिन-रात चल रहा है। इसे जल्द ही पूरा कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य और भारत सरकार ने मिलकर योजना क्रियान्वित की जा रही है। जल जीवन मिशन स्कीम जिले की वर्षों पुरानी पेयजल की समस्या को निदान करने की बड़ी योजना है। जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के हर घर जल के माध्यम से मिलना है। इसमें पूरे जिले के गांवों में एचडीपी एवं जीआई पाइप लाइन से पानी के पाइप लाइनें बिछाई जा रही है। उनसे पाइप वाटर कनेक्शन दिया जा रहा है। इन लाइनों को जोन वाइज बने हुए ओवरहेड टैंक से जोड़ा जाएगा। उन टैंक को पंप हाउस से भरा जाएगा। उन पंप हॉउस को ही पानी पहुंचाने को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। जिसका उपयोग यमुना के जल का आवश्यक शोधन करना है।

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