सैकड़ों किसानों के खेत में धान की बेड़ हुई बर्बाद
अधिकारियों के न पहुंचने पर किसानों में आक्रोश
बांदा, के एस दुबे । नहर की पटरी टूटने से 50 एकड़ से अधिक फसल जलमग्न हो गई। निचले इलाके में पानी भरने से कई कच्चे मकान भी पानी से घिर गए हैं। टूटी नहर को दूसरे दिन भी नहीं बांधा जा सका। पानी लगातार गांव की ओर बढ़ रहा है। किसान पूरे दिन नहर बांधने की कोशिश करते रहे, लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते असहाय दिखे। सूचना के बाद भी सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश रहा।
नहर पटरी क्षतिग्रस्त होने से खेतों में भरता पानी |
महुआ ब्लाक अंतर्गत पतौरा गांव में गुरुवार की देर रात अचानक नहर कट गई। पानी खेतों में भरने लगा तो लोगों ने सिंचाई विभाग को सूचना दे दी। शुक्रवार को सुबह लोग सोकर उठे तो नहर के आसपास धान आदि की फसलें जलमग्न हो गईं। पानी लगातार खेतों से होकर गांव की तरफ बढ़ रहा है। इसे देख पचास से अधिक की संख्या में ग्रामीण नहर बांधने में जुट गए। दोपहर बाद तक लोग हैरान हुए, लेकिन नहर बांधने में कामयाबी नहीं मिल सका। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ओमप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि केन कैनाल अधिशासी अभियंता को सूचना देने के बाद भी विभाग के जिम्मेदार गांव तक नहीं पहुंचे। जबकि गांव सदर तहसील मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन तहसील से भी कोई अफसर नुकसान का जायजा लेने नहीं पहुंच सका। पानी के तेज बहाव के कारण गांव में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने बताया कि एक महीने पहले भी नहर की पटरी टूटकर गांव तथा खेतों में पानी भर गया था। पटरी टूटने से ग्रामीणों का भारी नुकसान हुआ। किसानों ने बताया कि रात्रि में ही विभाग के अधिकारियों को सूचना देकर नहर का पानी बंद करने व टूटी नहर की पटरी को ठीक कराने की गुहार लगाई थी। उन्होने आरोप लगाया कि शुक्रवार शाम तक भी विभाग द्वारा न तो नहर का पानी बंद किया गया और न ही पटरी ठीक की गई। खेतों में पानी भरने से उनकी फसल बर्बाद हो गई है। पीड़ित किसानों ने बर्बाद फसल का मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की है।
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