एसडीएम हटाओ-तहसील बचाओ के अधिवक्ताओं ने लगाए नारे
एसडीएम का स्थानांतरण न होने पर बढ़ता जा रहा आक्रोश
अतर्रा, के एस दुबे । उप जिलाधिकारी का तबादला न होने पर तहसील अधिवक्ता संघ में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से पिछले 28 दिनों से तहसील परिसर में न्यायिक कार्य पूरी तरह से ठप हैं। तहसील आने वाले वादकारी अगली तारीख लेकर बैरंग लौट रहे हैं। उधर, तहसील अधिवक्ता संघ का बेमियादी क्रमिक अनशन आठवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान एसडीएम हटाओ-तहसील बचाओ के नारे पूरे परिस में गूंजते रहे। एसडीएम नमन मेहता द्वारा अधिवक्ताओं से सम्मानजनक व्यवहार न किए जाने के विरोध में स्थानांतरण की मांग को लेकर अधिवक्ता लगातार कलम बंद हड़ताल पर हैं। मंगलवार को भी अधिवक्ताओं की हड़ताल के साथ आठवें दिन एसडीएम कोर्ट परिसर में क्रमिक अनशन जारी रहा। तहसील अधिवक्ता संघ पूर्व अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने अधिवक्ता रामदयाल कुशवाहा, महेश सिंह, अशोक द्विवेदी, मनोज सिंह, शिवसेवक मिश्रा का
अनशन पर बैठे अधिवक्तागण |
माल्यार्पण करते हुए अनशन पर बैठाया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने एसडीएम हटाओ-तहसील बचाओ के नारे लगाते हुए विरोध जताया। उधर, मंगलवार को हड़ताल के बाद सरकारी मुकदमों की पैरवी करने पर अधिवक्ता हरिओम शास्त्री को संघ ने कार्यशैली को अनुशासनहीनता बताते हुए आमसभा की बैठक कर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। साथ ही बार काउंसिल को सूचना भेजकर अधिवक्ता पर कार्रवाई को पत्र भेजा है। संघ महासचिव नरेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया अधिवक्ता द्वारा सिविल न्यायालय में मुकदमे की पैरवी की थी। उन्हें नोटिस देकर 24 घंटे में जवाब मांगा गया था। जवाब से असंतुष्ट होने पर अधिवक्ता की सदस्यता खत्म कर दी गई है। इस दौरान संघ के महासचिव नरेंद्र कुमार शुक्ला, अधिवक्ता संघ पूर्व अध्यक्ष अरविंद पांडेय, पुरुषोत्तम पांडेय, बृजमोहन सिंह राठौर, सूरज बाजपेई, भेला द्विवेदी, चंद्रभान त्रिपाठी, राममोहन गुप्ता, जितेंद्र तिवारी, चंद्रपाल यादव, राजेंद्र जाटव, संजय श्रीवास्तव, राममिलन कुशवाहा, दिलदार वर्मा, राम प्रसाद वर्मा आदि मौजूद रहे।
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