एक ही परिवार के डायरियाग्रस्त तीन लोग भर्ती
चिकित्सक मरीजों को लिख रहे बाहर की दवाएं
बांदा, के एस दुबे । मौसमी बीमारियों का कहर जनपद में थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिमागी बुखार से पीड़ित बालक की मौत हो गई। जबकि बुखारग्रस्ता 18 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर, मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों का कहना है कि भर्ती होने से पहले ही डॉक्टर बाहर से दवाएं लाने पर्ची थमा देते हैं। बाहर की दवाएं आ जाने के बाद ही मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार शुरू किया जाता है। बारिश थमने के बाद उमस भरी गर्मी से आम जनमानस में हाय-तौबा मची है। यह उमस भरी गर्मी ही तमाम खतरनाक बीमारियों को भी दावत दे रही है। सर्दी-जुकाम और बुखार के साथ ही डायरिया भी लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा। बदलते मौसम में मासूम भी निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। सुबह अस्पताल खुलते ही जिला अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की खासी भीड़ जमा हो जाती है। पर्चा कटवाने में भी मरीजों और तीमारदारों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके बाद मरीजों को डॉक्टर के चौंबरों के सामने लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल में कुछ डॉक्टर तो ऐसे भी हैं, जो चेंबर के सामने मरीजों की भीड़ की भनक लगते ही अपनी सीट छोड़कर लापता हो जाते हैं और घंटों वापस नहीं लौटते। अतर्रा कस्बा निवासी विकास (10) पुत्र छोटू कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। घर वालों ने उसका उपचार सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कराया। सोमवार की रात उसकी अचानक हालत खराब हो गई। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने विकास को दिमागी बुखार बताया था। बुखार के साथ उसे झटके भी आ रहे थे। उधर, बुखार पीड़ित कांशीराम कालोनी निवासी देवकिशन (66), पपरेंदा निवासी अंकित (6) पुत्र राममिलन, छिबांव निवासी बल्देव (45), क्योटरा निवासी शत्रुघ्न (75), मुंगुस निवासी बच्चू (45), अछाह निवासी सुनहला (28), नरौली निवासी चंद्रभान (45), सिविल लाइन निवासी अंकुर (20), बिगहना निवासी तीरथ (30) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इसी तरह डायरियाग्रस्त जारी गांव निवासी धनंजय (10), उसका भाई अनुज (7), बहन श्वेता (13) को भर्ती कराया गया है।

जिला अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़
बच्चों को एसी व कूलर की हवा से दूर रखें
बांदा। जिला अस्पताल के वरिष्ठ बाल्यरोग विशेषज्ञ डा. आरके गुप्ता ने बताया कि मौसमी बीमारियों के साथ बुखार, डायरिया व निमोनिया के मरीज आ रहे हैं। उन्होंने लोगों को आगाह किया है कि मासूम बच्चों को एसी और पंखे की हवा से दूर रखें। डायरिया से बचने के लिये बासी भेजन का इस्तेमाल न करें। पीने का पानी उबाल कर ठंडा करने के बाद ही प्रयोग में लाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में रखे गमले और कूलरों में पानी एकत्र न होने दें, क्योंकि उसमें मच्छरों के लार्वा पनपने का खतरा होता है।
डेंगू के लक्षण वाले तीन मरीज भर्ती
बांदा। डेंगू का डंक जिले में और खतरनाक होता जा रहा है। जिला चिकित्सालय की जांच में डेंगू पॉजिटिव मरीज मिलने का सिलसिला जारी है। पुष्टि होने पर उन्हें डेंगू वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को मानें तो मंगलवार को एक और युवक डेंगू पॉजिटिव पाया गया। इसी के साथ डेंगू के मरीजों संख्या बढ़कर (44) हो गई है। वहीं डेंगू के लक्षण पाये जाने पर संतोष (32) पुत्र रामेश्वर स्योंढ़ा, कमला 38 पत्नी अशोक दुरेड़ी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार को जिला अस्पताल की पैथालॉजी में डेंगू के 20 नमूने लिये गये। वहीं 284 मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया। कुल 1039 जांचें हुईं। 1426 मरीजों ने पर्चा बनवाया।

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