गौस्नेह व गौसेवा को नये रूप मे पुनस्र्थापित कर बुन्देलखण्ड की चतुर्दिक समृद्धि संभव: कुलपति
बांदा, के एस दुबे । बुन्देलखण्ड की स्थानीय गौवंशीय नस्ल केनकथा के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक बडा प्रयास करते हुए कृषि एवं प्रोद्यौगिक विश्वविद्यालय, कुलपति डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह ने केनकथा गाय संरक्षण एवं संवर्धन की नवीन इकाई का उद्घाटन किया। इस इकाई मे बुन्देलखण्ड की पहचान तथा अखिल भारतीय स्तर पर राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल, हरियाणा द्वारा पंजीकृत केनकथा गाय का संरक्षण एवं संवर्धन किया जायेगा। इस इकाई का उद्घाटन हवन एवं गौपूजन के साथ हुआ। इस इकाई मे विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र पर भ्रमण कर रही केनकथा नस्ल की गोवंशों को एकत्रित कर उस पर शोध एवं उनका संवर्धन तथा जैविक कृषि मे उनकी उपयोगिता पर अध्ययन किया जायेगा।
![]() |
| हवन पूजन करते कुलपति व अन्य |
कुलपति ने बताया कि केनकथा नस्ल जो कि बुन्देलखण्ड के नाम पर भारत सरकार के पास पंजीकृत है, उसका संरक्षण एवं संवर्धन तथा भविष्य के लिए उसकी उपयोगिता का अध्ययन विश्वविद्यालय के पशुपालन विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा किया जायेगा। केनकथा नस्ल के पशुओं को कृषि के क्षेत्र में किस तरह से उपयोगी बनाया जाये। जिससे इनका पालन बुन्देलखण्ड के कृषकों के लिए आर्थिक रूप से उपयोगी हो सके। इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डा. मयंक दुबे ने बताया कि गाय की केनकथा नस्ल जिसकों ग्रामीण क्षेत्रों में केनवरिया के नाम से पशुपालक जानते हैं, का मुख्य प्रजनन क्षेत्र बुन्देलखण्ड के बांदा, हमीरपुर तथा ललितपुर जनपद हैं तथा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले मे भी केनकथा नस्ल के पशु बहुतायत मे पाये जाते हैं। केनकथा नाम का उद्भव बुन्देलखण्ड की प्रमुख नदी केन के नाम पर हुआ है। कार्यक्रम में डा. एनके बाजपेई निदेशक प्रसार, निदेशक शोध डा. एसी मिश्रा, अधिष्ठाता कृषि डा. जीएस पंवार, अधिष्ठाता उद्यान डा. एसवी द्विवेदी, अधिष्ठाता परास्नातक डा. मुकुल कुमार, अधिष्ठाता वानिकी डा. संजीव कुमार, सह अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान डा. वन्दना कुमारी, डा. जगन्नाथ पाठक, डा. भानु प्रकाश मिश्रा, डा. बीके गुप्ता, डा. नरेन्द्र सिंह, डा. आरके पाण्डेय, डा. एसके सिंह, डा. अमित कुमार सिंह, डा. बिजेन्द्र सिंह, डा. अर्जुन वर्मा, डा. श्याम सिंह, डा. मानवेन्द्र सिंह, डा. राजीव उमराव, डा. राहुल कुमार राय तथा कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर सर्वेश कुमार वर्मा तथा साइट इंजीनियर अनूप कुमार तथा विश्वविद्यालय के अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।


No comments:
Post a Comment