आल इंडिया केवीके एंड एआईसीआरपी के आह्वान पर किया प्रदर्शन
वैज्ञानिकों एवं कर्मियों के वेतन में विसंगतियां पर रोष
बांदा, के एस दुबे । कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने गुरुवार को कमलबंद हड़ताल करते हुए प्रदर्शन किया। आल इंडिया केवीके एंड एआईसीआरपी के आह्वान पर की गई हड़ताल में कहा गया कि वैज्ञानिकों ओर कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियां पैदा कर सेवानिवृत्त और पदोन्नति व पेंशन समेत एनपीएस के लाभ से वंचित किया जा रहा है। कई बार आश्वासन दिया गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीआर) नई दिल्ली की पक्षपातपूर्ण नीतियों के विरोध में गुरुवार को कलम बन्द हड़ताल सह प्रदर्शन किया गया। इसका समर्थन कृषि विज्ञान केन्द्र कार्मिक कल्याण एसोसिएशन अयोध्या उप्र ने भी किया है। केवीके अध्यक्ष डाॅ. श्याम सिंह ने बताया कि देश में प्रथम केवीके की स्थापना 1974 में की गयी थी। आज देश भर में कुल 731 केवीके हैं। प्रदेश भर में 89 केवीके हैं जिसमें लगभग 75 प्रतिशत केवीके राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा
कलमबंद हड़ताल के दौरान प्रदर्शन करते कर्मचारी और वैज्ञानिक |
संचालित किये जाते हैं। यह विश्व की सबसे बड़ी कृषि विस्तार प्रणाली है। केवीके जनपद स्तर के मिनी कृषि विश्वविद्यालय के रूप में कार्य करते हैं और कृषकों की सभी समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान करते हुए कृषकों के लिए प्रमुख सूचना एवं संसाधन केन्द्र हैं। देश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्र आईसीएआर द्वारा शत-प्रतिशत वित्त पोषित हैं। उन्होंने बताया कि विगत दो वर्षों से आईसीएआर द्वारा केन्द्र के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियां पैदा कर, सेवानिवृत्ति एवं पदोन्नति व पेंशन/एनपीएस लाभों से वंचित किया जा रहा है जिससे कर्मियों का लगातार आर्थिक शोषण हो रहा है। इससे केन्द्र के कर्मचारियों में रोष व्याप्त है और वे मानसिकरूप से परेशान हैं। पूर्व में इसके लिए आईसीएआर प्रशासन एवं स्थानीय सांसद से कई दौर की वार्ता की गयी लेकिन समस्याओं का कोई समाधान नही होने के कारण यह कदम उठाना पड़ रहा है। इस संबंध में आईसीएआर द्वारा जारी पत्रों एवं नीतियों के विरोध व अपनी समस्याओं के प्रति ध्यान आकर्षित करने के लिए कलम बन्द हड़ताल सह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मांग की गई कि जैसे देश भर के कृषि विज्ञान केन्द्रों के समस्त कर्मचारियों के लिए एक समान वेतन व सेवानिवृत्ति लाभ हो। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन, नई पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाये। वर्ष 2014 में प्रस्तुत आर. परौदा उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के अनुसार सभी केवीके में समान सेवा शर्तों को लागू किया जाये। केवीके के विषय वस्तु विशेषज्ञों को पूर्व की तरह सहायक प्राध्यापक, वैज्ञानिक के रूप में पुनः नामित किया जाये। डाॅ. श्याम सिंह ने यह भी बताया कि पूरे देश के कृषि विज्ञान केन्द्र के कर्मचारियों द्वारा एक दिवसीय कलम बन्द हड़ताल सह प्रदर्शन किया जा रहा है और केन्द्र पर संचालित पशु पालन जैसी लाईव इकाईयां सुचारु रूप से चल रही हैं। हड़ताल के दौरान वैज्ञानिक और कर्मचारी मौजूद रहे।
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