देवेश प्रताप सिंह राठौर
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश, झांसी - आज दिनांक 5 दिसंबर 2024 को कृषि विज्ञान संस्थान में मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के तत्वाधान में वर्ल्ड सॉइल डे संस्था के निदेशक प्रोफेसर आरके सैनी सर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया । विश्व मृदा दिवस के मुख्य अतिथि डॉक्टर एस बी त्रिपाठी, प्रधान वैज्ञानिक आईजीएफआरआई झांसी रहे। विश्व मृदा दिवस 2024 के संयोजक डॉक्टर सत्यवीर सिंह सोलंकी ने प्रस्तावना सहित थीम 2024 = मेजर, मॉनिटर, मैनेज ,प्रस्तुत करते हुए इसके इतिहास के विषय, मानने के कारण, उद्देश्यों के साथ इसकी उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि २ से ३ सेंटीमीटर मृदा बनने में लगभग 1000 से अधिक वर्ष लगते हैं और कहा कि विश्व मृदा दिवस मनाने के लिए थाईलैंड के राजा ने 2002 में प्रस्ताव पास किया, और फूड एंड एग्रिकल्चर
ऑर्गेनाइजेशन के साथ इंटरनेशन यूनियन ऑफ सॉइल साइंस के 2013 के संयुक्त प्रयास के तहत 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने के प्रस्ताव पर यूनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन की जनरल असेंबली ने अपनी स्वीकृति देते हुए ५ दिसंबर 2014 को प्रथम विश्व मृदा दिवस मनाया गया। आज दशवी वर्षगांठ पर ११ वा विश्व मृदा दिवस अंतरास्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक एवम कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर आरके सैनी ने प्रतिभागियों, विद्यार्थियों और शिक्षकों को बताया कि मानव जीवन के लिए मृदा का विशेष महत्व है मृदा के बिना स्वस्थ भोजन ,स्वस्थ वायु एवं कृषि आधारित उद्योगों की प्रगति भी मृदा पर निर्भर है। इसलिए मृद। को बचाना समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ विद्यार्थियों वैज्ञानिकों एवं समाज सुधारो की ज्यादा जिम्मेदारी है हम सब लोगों की जवाबदेही है कि हम मृदा के साथ अपने वातावरण , जलवायु पर्यावरण को स्वस्थ एवं समृद्ध बनाए रखें जिससे हम सब स्वस्थ हो ,सब निरोग हो और गुणवत्तापूर्ण भोजन प्राप्त कर सके । इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए आयोजक मण्डल को बधाई दी।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉक्टर त्रिपाठी जी ने मृदा संरक्षण,उपयोग ,मृदा का उचित प्रबंध, पोषक तत्वों, जल का प्रबंध, जलवायु प्रबंधन, क्लाइमेट चेंज एवं पहाड़ों पर्वतों का समुचित उपयोग कैसे किया जाए, विस्तार से चर्चा की, साथ ही कहा कि जब तक हमारी मृदा स्वास्थ्य नहीं होगी हम गुणवत्तापूर्ण उत्पादन नहीं ले सकते। इसलिए मृदा का स्वस्थ बनाए रखना, संरक्षण करना बहुत आवश्यक है विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों की खोज के आधार पर तकनीकी को किसानों तक पहुंचाया जाए। जिससे के जन सामान्य में मृदा को भी एक चुनौती के रूप में, एक आंदोलन के रूप में स्वीकार किया जाए जिससे सबकी जवाब देही हो। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोऑर्डिनेटर डॉक्टर जे के बबेले ने सभी विद्यार्थियों को मृदा के अधिक से अधिक उपयोग के साथ जलवायु एवं संरक्षण के साथ संसाधनों प्रबंधन विषयों के बारे में बताया और कहा कि हम सबको मिलकर मृदा के रखरखाव एवं संरक्षण पर मिलकर काम करना होगा। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सत्यवीर सिंह सोलंकी ने किया ।डॉक्टर हरपाल सिंह ने निदेशक महोदय, मुख्य अतिथि, कार्यक्रम संयोजक, विभाग के सभी शिक्षकों के साथ सभी विद्यार्थियों, को धन्यवाद देते हुए सभी का आभार व्यक्त करते हुए मंच की समस्त व्यवस्था डॉक्टर महिपत, डॉक्टर नवीन कुमार के सहयोग से संपन्न की। कार्यक्रम में डॉक्टर शहनाशी हाशमी, डॉक्टर अवनीश कुमार, डॉ अभिषेक चौधरी, श्री आशीष , श्री नीतिराज,डॉ अलका, डॉ मौशमी, डॉक्टर आस्था गुप्ता, डॉ महजबी हाशमी,डॉ जितेंद्र, डॉ सौरभ, डॉ बुधदेश, डॉ मनीष, आदि शिक्षकों सहित, मनीष, अंकित, निशा, सूर्यप्रताप, , सोमेंद्र, खुशी, शीशराम,राजेश, अरबाज, कुलदीप, विजय, आशीष सहित १२५ से अधिक विद्यार्थी कार्यक्रम में सकारात्मक रूप से उपस्थित हुए।
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