माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है और 144 वर्ष बाद पूर्ण महाकुंभ का संयोग बना है। मौनी अमावस्या का प्रयागराज महाकुंभ मेले में अमृत ( शाही ) स्नान होगा। महाकुंभ में करोड़ों भक्त आस्था की डुबकी लगाएंगे, त्रिवेणी में स्नान करने से करोड़ों जन्म के पापों का नाश हो जाता है। आमवस्या तिथि 28 जनवरी को सांयकाल 07:35 बजे से शुरू होकर 29 जनवरी को सांयकाल 06:05 बजे तक रहेगी. इस बार अमावस्या तिथि को बुधवार उत्तराषाढ़ नक्षत्र,
सिद्धि योग और तीन ग्रह सूर्य बुध चंद्र मकर राशि में शुभ संयोग बना रहे हैं , इस दिन पवित्र नदियों में स्नान आदि कर पूरे दिन मौन रहकर उपवास करते है इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है और काले तिल, तिल का तेल , आंवला , कम्बल आदि वस्त्रों का दान करना चाहिए। जिनकी कुंडली में पितृ दोष है उनको पितरों का तर्पण एवं पिंडदान आदि कर दान-दक्षिणा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं ,पितृ दोष से मुक्ति मिलती है । माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा नदी पर देवी-देवताओं का वास होता है। अगर संगम या पवित्र नदियों में स्नान न कर सके तो घर पर गंगाजल डाल कर स्नान करे
- ज्योतिषाचार्य एस0एस0 नागपाल , स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ
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